ग्वालियर, 17 जुलाई। कोरोना विस्फोट के आतंक के साए में सहमें शहर में जिला प्रशासन कितना गंभीर है इसका शुक्रावर को खुलासा हुआ। शहर में 1000 बिस्तरों वाले निर्माणाधीन अस्पताल में बिहार के कटिहार से आए छह मजदूर पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद भी अब तक आइसोलेट किए गए, और न ही उनका इलाज शुरू किया गया हैं। गौरतलब है कि इस निर्माणाधीन इमारत के परिसर में करीब 150 मजदूर और भी रह रहे हैं, और संक्रमित होने के खतरे से दहशत में हैं।

शहर में बन रहे 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण के लिए लेबर ठेकेदार इंतिख़ाब आलम बिहार के कटिहार से इन मजदूरों को 9 जुलआई को ग्वालियर लाया था। अस्पताल प्रबंधन के निर्देश पर इनका COVID-19 के ले टेस्ट किया गया। रिपोर्ट 14 व 16 जुलाई को आईं और अब तक 6 मजदूर पॉजिटिव पाए गए। ये मजदूर अस्थाई झोपड़ी में एक साथ ही रह रहे हैं। हालांकि ठेकेदार ने बाहर से इनकी झोपड़ी को लकड़ी से बंद कर आइसोलेट करने की कोशिश सकी है, लेकिन एक ही जगह सभी मजदूरों के रहने से अब तक संक्रमित नहीं हुए मजदूर दहशत में हैं।  

फोन से पूछ रहे तबियत, न इलाज मिला न क्वारंटाइन किया  

खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के इंसीडेंट कमांडर बार-बार पीड़ित मजदूरों से फोन पर उनकी तबीयत के बारे में पूछा जा रहा है, लेकिन उन्हें अभी तक न कोई दवा दी गई और न ही आइसोलेट किया गया। जिला प्रशासन को जब इसकी सूचना दी गई तो अब अफसर अब जल्द ही मजदूरों की सुध लेने टीम भेज रहे हैं। जबकि ठेकेदार इंतिखाब आलम मजदूरों को उनके घर वापस भेजना चाहता है

 

 

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