ग्वालियर, 28 जून। पत्नी की हत्या के आरोपी कांग्रेस नेता को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से सोमवार शाम गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपी के मैनपुरी के बैवर कस्बे में होने की सूचना मिली थी, हालांकि सूत्रों का मानना है कि आरोपी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आरोपी ऋषभ ने प्रारंभिक पूछताछ पुलिस के समक्ष आरोप लगाया कि पत्नी भावना किसी से फोन पर बात करती थी। दिन-रात फोन पर चिपकी रहती थी। ऋषभ ने बताया कि कई बार मना करने के बाद भी भावना नहीं मानी तो मैंने उसे गोली मार दीं। आरोपी की गिरफ्तारी के पश्चात पुलिस ऋषभ की फरारी के 21 दिनों का विवरण जुटा रही है।
ज्ञातव्य है कि कांग्रेस नेता ऋषभ भदौरिया छह जून 2022 की रात तीन बजे पत्नी भावना की हत्या कर हथियार और जरूरी सामान लेकर फरार हो गया था।वारदात के दौरान ऋषभ-भावना के दोनों बच्चे भी जाग गए थे, पुलिस उनके भी बयान दर्ज करेगी। ऋषभ के पिता कृष्णकांत सिहं की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। ग्वालियर पुलिस ने ऋषभ की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
फोन पर बात करने के संदेह पर हुआ विवाद और मार दी गोली
ग्वालियर के ठाटीपुर क्षेत्र में रामनगर निवासी कांग्रेस नेता ऋषभ सिंह भदौरिया का सोमवार छह जीन की रात तीन बजे पत्नी भावना से विवाद प्रारंभ हुआ। आरोपी को शक था कि पत्नी उससे कुछ छिपा रही है। विवाद के दौरान ऋषभ चीख-चीख कर पत्नी से गाली-गलौज करने लगा। परिणाम स्वरूप पास ही सो रहे उनके दोनों बच्चों की नींद खुल गई। इसी बीच ऋषभ ने भावना पर पिस्तौल तान दी। बचने के लिए भावना कमरे से बाहर भागने लगी, किंतु आंगन तक पहुंचते ही ऋषभ की पिस्तौल से दनादन निकल रही गोलियों ने उसके सिर को भेद दिया, इससे भावना की तत्काल मृत्यु हो गई। पत्नी को गिरते देख ऋषभ कमरे में अंदर आया आवश्य सामग्री एकत्रित कर हथियार समेत फ़रार हो गया।
बेटे-बहू की चीख-पुकार सुन गहरी नींद में सो रहे परिजन जाग कर उनके कमरे की ओर भागे, किंतु तब तक ऋषभ पत्नी की हत्या कर फ़रार हो चुका था। पिता कृष्णकांत ने पुलिस को हत्या सूचना दी।
आपराधिक मानसिकता का है ऋषभ, दिग्गज राजनेताओं से रही है समीपता
आरोपी ऋषभ भदौरिया। कांग्रेस का प्रदेश प्रवक्ता रहा है। उस पर 2001 में बहन की हत्या का भी आरोप लगा था। ऋषभ को चेतकपुरी में हुई एक लूट में भी आरोपी माना गया था। ग्वालियर के थाटीपुर में दो अप्रैल 2018 को हुई जातिगत हिंसा में भी उसके विरुद्ध दो प्रकरण अभिलेखित कि गए थे। ऋषभ भदौरिया को 2020 में जिला बदर किए जाने का नोटिस भी दिया गया था। उस के विरुद्ध लूट और हत्याओं के चार प्रकरण विवेचनाधीन हैं। आरोपी के कमरे में कई बड़े नेताओं के साथ उसके फोटो लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ भी उसका एक फोटो दिखा। प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री के साथ भी उसकी फोटो हैं।