इंदौर, 07 मई। मध्यप्रदेश के इंदौर की विजयनगर क्षेत्र की स्वर्ण बाग कॉलोनी के दोमंजिला भवन में शुक्रवार देर रात आग लग गई। अग्निकांड में सता लोगों नींद चिर-निद्रा बन गई। मृतकों में छह महिलाएं और एक पुरुष है। घनी आबादी के बीच बने इस भवन की पार्किंग में भी आग की लपटें उठ रही थीं। भागने के प्रयास में स्थान नहीं मिलने पर लोगों ने गैलरी से कूदकर जान बचाई। इस प्रयास में चोटिल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। अग्निकांड में गंभीर रूप से जले लोगों को भी मुआवजा दिया जाएगा। विजय नगर टीआई तहजीब काजी ने बताया कि घटना के वक्त बिल्डिंग में 15-16 लोग थे। पहले लगा MCB  में आग लगी और भवन में फैली, किंतु CCTV फुटेज ने बढ़ाई साजिश की आशंका….

प्रारंभिक विवेचना में सामने आया कि विद्युत आपूर्ति बंद हो कर अचानक प्रारंभ होने के कारण MCB में आग लग गई। किंतु बाद में विवेचना दल के हाथ लगे एक CCTV फुटेज ने विवेचना को नई दिशा दी है। फुटेज में मकान में आग लगाने के षड़यंत्री की आशंका सामने आई है। मकान मालिक इंसाफ पटेल के घर के नजदीक लगे CCTV फुटेज में शुक्रवार रात सफेद शर्ट पहने एक युवक आता दिखाई दिया। उसने पार्किंग में खड़े एक वाहन से पेट्रोल निकाला और आग लगा दी। पुलिस अब हादसे की जगह षड़यंत्र की दिशा में भी विवेचना कर रही है।  पुलिस इससे जुड़े और फुटेज तलाश रही है ताकि युवक को पकड़ा जा सके।

CCTV फुटेज में नजर आया आग लगाता युवक, कुछ देर बाद लौटा भी

स्वर्ण बाग कॉलोनी अग्निकांड अब दुर्घटना के स्थान पर किसी का षड़यंत्र अथवा परस्पर शत्रुता दिखाई दे रहा है। आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है, लेकिन क्राइम ब्रांच और अन्य टीम को आरोपी को पकड़ने के लिए लगा दिया गया है। आग लगाने के बाद यह युवक फुटेज में जाता हुआ भी दिखाई दिया। कुछ देर बाद युवक उसी इमारत के पास दोबारा भी आया। वह भवन में स्तापित CCTV कैमरे और बिजली के मीटर के साथ छेड़छाड़ करता दिखाई दे रहा है। हालांकि स्वर्ण बाग कॉलोनी के अग्निदग्ध भवन के CCTV पूरी तरह से जल गए हैं। पुलिस ने इस क्षेत्र से तीन घरों के CCTV फुटेज व DVR बरामद किए हैं।

रेस्क्यू दल ने 12 को अस्पताल पहुंचाया, 7 की हुई मृत्यु

पुलिस के बचाव दल ने नौ लोगों को इस अग्निकांड से रेस्क्यू किया है। दल नें 12 लोगों को अस्पताल पहुंचाया था।  गया था। इनमें से सात की मृत्यु हो चुकी है। स्थानीय निवासियों के अनुसार फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए गए किंतु, फायर ब्रिगेड लगभग एक घंटे बाद पहुंची। आसपास के रहवासियों ने कुछ लोगों को रस्सी के सहारे बिल्डिंग से नीचे उतारा। अग्निकांड में ईश्वर सिंह सिसौदिया (45) अनकी पत्नी नीतू सिसौदिया (45), आशीष (30), गौरव (38) और आकांक्षा अग्रवाल (25) शामिल हैं।

जन्मदिन मना कर लौटी आकांक्षा सोई तो फिर नहीं जागी

देवास की रहने वाली आकांक्षा ने 15 दिन पहले ही अपना जन्मदिन मनाया था। जश्न के फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए थे। आकांक्षा के माता-पिता नहीं हैं। वह यहां लिव इन में रह रही थी। मरने वालों में 40 और 45 वर्ष के दो लोगों की पहचान नहीं हो पाई है।

बताया गया कि बिल्डिंग के मालिक के मोहल्ले में 4 मकान हैं, जो किराए से दिए हैं। लोग कह रहे हैं कि कहीं भी सेफ्टी नहीं है। उसके खुद के मकान पर तो मोबाइल कंपनी का टावर लगा है।

मेरा भाई अब भी लापता
एमवाय अस्पताल में भर्ती घायल विनोद ने बताया कि पूरी बिल्डिंग में आग फैल चुकी थी। मेरा भाई भी यहीं रहता है, लेकिन आग की घटना के बाद से वो लापता है। हमने भागने की कोशिश की, लेकिन आग से घिर गए। मेरे बदन पर एक कपड़ा तक नहीं बचा था। मेरी बाइक, मोबाइल, रुपए और पूरा सामान जल गया।

घर बनवा रहे थे किराए से रह रहे दंपत्ति, आग ने भस्म किए आशियाने के सपने

चश्मदीद एहसान पटेल ने बताया कि रात को बिजली गुल हो गई थी, लेकिन जब बिजली आई तो पार्किंग के मीटर में आग लग गई। रात तीन बजे के करीब हमें शोर सुनाई दिया। बाहर देखा तो बिल्डिंग में आग लगी हुई थी। हमने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। इस बिल्डिंग में मेरा भाई रहता है। बिल्डिंग में कुछ छात्र और अन्य परिवार भी रहते थे। उनकी भी मौत हो गई। उनका घर यहीं पास में बन रहा है, इसलिए वे दो-तीन महीने से इधर शिफ्ट हो गए थे। फायर ब्रिगेडकर्मी ने बताया कि रात करीब तीन बजे आग की सूचना मिली। जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक कई लोगों की मौत हो चुकी थी।

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