ग्वालियर। राजस्थान में धौलपुर के राजाखेड़ी निवासी शल्य-क्रिया उपकरण व्यवसायी मध्यप्रदेश के ग्वालियर की लड़की के साथ गुरुग्राम में लिव-इन संबंदों में रह रहा था। पार्टनर के साथ नियमित शारीरिक संबंध बनाए रखते हुए भी उसने ग्वालियर के एक परिवार की लड़की से विवाह तय कर लिया। लिवइन-संबंधों को छिपाते हुए आरोपी नेवधू-पक्ष से लगभग सात लाख रुपए भी व्यवस्थाओं के नाम पर ले लिए। विवाह तय होने की भनक लगते ही पार्टनर पुलिस थाने जा पहुंची और धोखाधड़ी व बलात्कार का प्रकरण पंजीबद्ध करा दिया। इसकी सूचना मिलने पर आरोपी दूल्हा तय समय पर बारात लेकर नहीं पहुंचा। इस पर वधू पक्ष ने भी उसके विरुद्ध शिकायत दर्ज करा दी। लिवइन-संबंधों को छिपा कर रहा था विवाह, भाण्डा फूटा–इधर का रहा न उधर का…..

शल्य-क्रिया उपकरणों के व्यापारी युवक को एक साथ दो लड़कियों को धोखा देने पर अच्छा दण्ड मिला है। लिवइन पार्टनर ने तो प्राथमिकी पंजीबद्ध कारई ही, जिस वधू के मण्डप में बारात नहीं पहुंची उसके परिजन ने भी उसके विरुद्ध धखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करा दिया है। आरोपी युवक के हाथ से लिवइन पार्टनर तो छिटकी ही, पारिवारिक सहमति से दो मई 2022 को होने वाला विवाह भी नहीं हो सका।    

पढ़ाई के दौरान हुई मैत्री-बन गए संबंध

राजस्थान के धौलपुर राजा खेड़ा के दिनेश रावत का 26 वर्षीय बेटा हिमांशु रावत हरियाणा के गुरुग्राम में शिवानी होम हेल्थ-केयर नाम से शल्य-क्रिया उपकरणों की विपणन कंपनी चलाता है। चार वर्ष पूर्व ग्वालियर में पढ़ाई के दौरान उसकी मित्रता शिवपुरी जिले के करैरा की 23 वर्षीय युवती से हुई थी। दोनों में समीपता बढ़ी तो हिमांशु ने विवाह का वचन देकर शहर के एक होटल में युवती से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बना लिए। पढ़ाई पूरी कर हिमांशु गुरुग्राम आया और व्यापार के साथ ही महिला-मित्र के साथ लिवइन-संबंधों में रहने लगा। जुलाई 2018 से 14 अप्रैल 2022 तक हिमांशु लिवइन पार्टनर के साथ शादी के झांसे में शारीरिक संबंध बनाता रहा।

फेसबुक पर हुई पहचान तो भाई ने पिता को भेज कराया बहन का रिश्ता  
ग्वालियर के एक व्यवसायी परिवार के युवक मुकेश की पहचान फेसबुक पर हिमांशु रावत से हुई। सजातीय युवक को ठीकठाक व्यापार करते देख भाई ने उसके घर बहन का विवाह प्रस्ताव लेकर पिता को भेज दिया। हिमांशु व उसके परिजन ने प्रस्तावित वधू के पिता से लिवइन-संबंध छिपाते हुए विवाह तय कर लिया और सात लाख रुपए तैयारियों के नाम पर ले लिए। विवाह दो मई को होना तय हुआ। वधू पक्ष ने शहर के आलीशान जीवाजी क्लब को विवाह-स्थल के तौर पर सजा लिया। किंतु, पार्टनर द्वारा प्राथमिकी पंजीबद्ध कराने की भनक हिमांशु को लग चुकी थी। इसलिए उसने परिजन को भी सब कुछ बताते हुए बारात लेकर ग्वालियर जाना निरस्त कर दिया। वधू के भाई मुकेश ने फोन कर जानना चाहा कि बारात कहां तक आ गई है, तब उसके विवाब निरस्त करने की सूचना दी गई। तत्पश्चात बेचारी वधू के परिजन को विवाह-स्थल पर निरस्तीकरण की सूचना लगानी पड़ी। वधू पक्ष ने भी हिमांशु के विरुद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया है। उनके अनुसार हिमांशु के परिवार को नगद सात लाख देने के अलावा वह 12 से 15 लाख रुपए विवाह की तैयारियों पर व्यय कर चुके हैं।

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