बांदा, 28 अप्रेल। उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में बुधवार को जिला पंचायत सदस्य और भाजपा महिला मोर्चे की जिला महामंत्री श्वेता सिंह गौर का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे से लटकता मिला। बांदा के इंद्रा नगर स्थित आवास में रह रही श्वेता सिंह जिले के जसपुरा क्षेत्र के वार्ड-12 से भाजपा की जिला पंचायत सदस्य थीं। व्हॉट्सएप स्टेटस से गर्माया भाजपा नेत्री की मृत्यु का प्रकरण….
उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे से लटका मिला। भाजपा महिला मोर्चे जिला महामंत्री की मृत्यु की सूचना से जिले में खलबली मच गई। घटना के बाद से उनके पति और भाजपा नेता दीपक सिंह गौर घर से अनुपस्थित हैं, उनका मोबाइल भी बंद है। सूचना मिलते ही संबंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और विवेचना में जुट गई। प्रारंभिक अन्वेषण में पुलिस को श्वेता सिंह का विगत रात्रि का व्हाट्सएप स्टेटस अपडेट मिला। स्टेटस में श्वेता सिंह गौर ने लिखा–घायल नागिन, घायल शेरनी और अपमानित स्त्री से हमेशा डरना चाहिए। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मृत भाजपा नेत्री के आवास पर भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
सीट आरक्षित हुई तो पढ़ी-लिखी पत्नी को राजनीति में ले आए दीपक सिंह
बुंदेलखंडविश्वविद्यालय झांसी से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तरश्वेता सिंह गौर को राजनीति में उनके पति दीपक सिंह गौर की विवशता में ही लाए थे। जसपुरा के मरझा गांव निवासी दीपक सिंह विगत 20 वर्षों से राजनीति कर रहे थे। दीपक दो बार ब्लॉक प्रमुख पद और दो बार जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़े और हार गए थे। इस बार यह सीट महिला सदस्य के लिए आरक्षित हो गई थी। दीपक सिंह ने पत्नी श्वेता सिंह को चुनाव में उतारा और श्वेता ने विजय भी प्राप्त कर ली।
श्वेता नहीं बनी पति की कठपुतली, बनाया स्वतंत्र प्रभाव
दीपक की मंशा थी कि वह पत्नी चुनाव जीतने के बाद राजनीति की बागडोर उन्हें सौंप दें। किंतु श्वेता सिंह गौर ने राजनीतिक परिपक्वता और शुचिता दिखाते हुए स्वतंत्र प्रभाव बना लिया। भाजपा ने श्वेता को महिला मोर्चा की जिला महामंत्री नियुक्त कर दिया। श्वेता अपने दोनों पदों से संबंधित कार्य और निर्णय स्वयं ही करने लगी थी। मतदाता, अधिकारियों और राजनीतिक सहयोगियों से चर्चा करना पति दीपक को अच्छा नहीं लगता था।
मृत्यु पूर्व हुआ था पति-पत्नी में विवाद
श्वेता और दीपक सिंह गौर की तीन बेटियां हैं। सूत्रों के अनुसार श्वेता व दीपक पति के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। ससुराल और मायका पक्ष मिलकर समझौते की बात चला रहे थे। बुधवार को भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। माना जा रहा है कि पति के व्यवहार से अक्रोशित होकर ही श्वेता ने यह फांसी का फंदा थाम लिया।