नई दिल्ली, 08 मार्च। यूक्रेन में रूसी सेना की तरफ से घातक रूप से सतत बमबारी हो रही है। अब तक यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं। यूक्रेन की आरोप है कि सुमी शहर पर रूस ने 500 किलो का बम गिराया है, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई है। ज्ञातव्य है कि सुमी में भारत से युक्रेन में पढ़ाई के लिए गए 700 विद्यार्थियों का समूह फंसा हुआ है। भारत सरकार ने जानकारी दी है उन्हें वहां से निकाल जाने का अभियान शुरू हो गया है। हैं। रूस की तरफ से हो रही सतत गोली और बन वर्षा के कारण से इन्हें अब तक नहीं निकाला जा सका था।

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने मंगलवार को बताया कि सुमी में फंसे हुए विद्यार्थियों को वहां से निकालकर दूसरी जगह ले जाया जा रहा है। रूसी कार्रवाई के रुकने के बाद अब वहां फंसे विद्यार्थियों को रेड क्रॉस और भारतीय दूतावास के आधिकारिक लोग लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यहां से छात्रों को बसों के जरिए पोल्टावा और बेलगोरोद पहुंचाया जाएगा। इसके बाद वह हवाई, रेल और रोड ट्रांसपोर्ट से अलग-अलग चुनिंदा स्थानों पर भेजे जाएंगे।

उत्तर पूर्वी यूक्रेन में सोमवार को सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में लगभग 700 भारतीय विद्यार्थियों को निकालने पर अंतिम समय पर रोक लगा दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएनएससी बैठक में कहा–भारतीयों के लिए निकासी अभियान में स्वदेश लाने के लिए 80 से अधिक निकासी उड़ानें भरी जा चुकी हैं। इस दौरान भारतीयों की सुविधा में यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई सहायता की हम प्रशंसा करते हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने भारतीयों सहित सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की अपनी अति-आवश्यक मांग को दोहराया है। हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद सुमी में हमारे विद्यार्थियों के लिए एक सुरक्षित मार्ग नहीं बन पाया।

ज्ञातव्य है कि भारत की तरफ से यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी जा रही है। सोमवार को यूएनएससी की बैठक में भारत के प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने बताया कि भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता भेज चुका है। इनमें दवाएं, टेंट, पानी के भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं। हम अन्य आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें भेजने की प्रक्रिया में हैं।

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