ग्वालियर, 02 मार्च। यूक्रेन में कर्नाटक के मेडिकल-विद्यार्थी नवीन की मौत के बाद वहां पढ़ने वाले हजारों भारतीय बच्चों के अभिभावकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यूक्रेन के सुमी शहर की स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ग्वालियर के पीयूष सक्सेना के माता-पिता भी वहां के हालातों को लेकर गहरी चिंता में हैं। उनका इकलौता बेटा 500 साथियों के साथ हॉस्टल के बंकर में छिपा हुआ है। पीयूष का हॉस्टल ईस्ट यूक्रेन में स्थित है, जबकि सरकार वेस्ट यूक्रेन से विद्यार्थियों को निकालने की कोशिश कर रही है। पीयूष जहां है वहां अभी युद्ध जोरों पर है। पीयूष के परिजन का कहना है कि यदि भारत सरकार रूस से बात करके वहां के रास्ते से बच्चों को निकालने की कोशिश करे तो बेहतर होगा।

पूर्वी-यूक्रेन में ग्वालियर का बेटा, 800 किलोमीटर दूर बुला रही सरकार

पीयूष के परिजन ने बताया कि सरकार कि सभी विद्यार्थियों से पश्चिमी-यूक्रेन पहुंचने की कह रही हैस जबकि पूर्व से पश्चिम के बीच दूरी लगभग 800 किलोमीटर है। बीच में कीव शहर है, जहां दोनों  देशों की सेनाओं में आमने-सामने से घमासान जारी है। पूर्व यूक्रेन से रूस की दूरी मात्र 30 किलोमीटर है, इस रास्ते से विद्यार्थियों को आसानी से निकाला जा सकता है।

फोन पर बोला पीयूष–बंकर में सुरक्षित, पर बाहर निकलने का नहीं जरिया  

यूक्रेन में फंसे पीयूष के पिता ग्वालियर में एक कोचिंग का संचालन करते हैं। कर्नाटक के छात्र की मौत के बाद उन्हें पीयूष की चिंता हुई तो उन्होंने उसे फोन लगाया। ईश्वर की कृपा है कि पीयूष अपने साथियों के साथ बंकर में सुरक्षित है। उसने बताया कि वहां न तो खाने पीने की सुविधा है और न ही बाहर निकलने का रास्ता सूझ रहा है।

रूस के रास्ते बच्चों को बचाए सरकार

विगत सप्ताह भर से सभी की सांसें अटकी हुई है। इधर देश में अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अभिभावकों को सरकार से उम्मीद है कि किसी भी तरह से उनके बच्चों को वहां से निकाला जाए। इसके लिए सरकार अपने प्रतिनिधि रशिया भेज कर छात्रों को निकालने की कोशिश करे। पीयूष के माता पिता ने उसे महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी और उसे आशीर्वाद दिया कि महाकाल उसकी और उसके सभी साथियों की रक्षा करेंगे।

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