


ग्वालियर, 03 मार्च। अजब एमपी में वसूली गजब मामला सामने आया है। ग्वालियर नगर निगम ने जलकर जमा न करने वाले डेयरी संचालक की भैंसे ही खुलवा लीं। निगमायुक्त ने बताया कि लोगों ने लाखों के बिल जमा नहीं किए इसलिए कड़ी कार्रवाई करनी पड़ रही हैं। जब्त की गई भैंसें फिलहाल नगरनिगम की गौशाला में भेज दी गई हैं।
जलकर का 82 हजार लंबित तो नगर निगम ने जब्त कर लीं भैंसें
ग्वालियर के ठाटीपुर इलाके की दर्पण कॉलोनी में डेयरी संचालक राजेंद्र पाल पर 82 हजार रूपए से भी अधिक का जलकर भुगतान लंबित है। कई बार चेतावनी बावजूद भुगतान नहीं किया गया तो नगर निगम के कारिंदे आए और राजेंद्र की पांच भैंसें हांक ले गए। निगम का दल जब डेयरी पर भैंसे जब्त करने पहुंचे गया तो राजेंद्र ने भाई के कैंसर और भतीजे की आसामयिक मृत्यु की दुहाई देकर कर में छूट और भुगतान के लिए समय मांगा। किंतु नगर निगम के दल ने उसकी कोई प्रार्थना नहीं सुनी।
सबका बिल 300 मेरा 1400 प्रतिमाह क्यों?
डेयरी संचालक के प्रश्न उठाया है कि सामान्यतः घरेलू बिल 300 रुपए प्रतिमाह होता है, किंतु उसका बिल 1400 रुपए प्रति माह क्यों ठहराया गया है। हालंकि निगम सूत्रों के अनुसार राजेंद्र पाल पर वर्षों भुगतान लंबित होने के कारण उसर अर्थ दण्ड लगाया गया है। इसकी गणना राजेंद्र की डेयरी में मवेशियों की संख्या के आधार पर अनुमानित जल व्यय से की गई है।
कड़ी कार्रवाई की तो अब आने लगा है जलकर, अब भी 100 करोड़ शेष
निगमायुक्त किशोर कन्याल के अनुसार वर्षों से लंबित जलकर भुगतान के लिए दृढ़ता से कार्रवाई की जा रही है। इससे अभियान से नगर निगम को करोड़ों का लंबित राजस्व मिल रहा है। अब तक सात लाख का भुगतान मिल चुका है, जबकि उपभोक्ताओं पर लगभग सवा सौ करोड़ का जलकर भुगतान शेष है। निगमायुक्त ने उपभोक्तों से आव्हान किया है कि सभी जल कर समय पर चुकाएं, अंततः यह धन नागरिकों के कल्याण में ङी व्यय किया जाना है।