दो पृष्ठ के पत्र में पत्नी-ससुरालियों और हैड-कॉन्स्टेबल को ठहराया आत्महत्या का जिम्मेदार

ग्वालियर, 18 फरवरी। घर की खुशहाली और बर्बादी के लिए अक्सर पति को जिम्मेदार मान लिया जाता है। किंतु, शहर के हजीरा थाना क्षेत्र में आत्महत्या करने वाले एक युवक के दो पृष्ठों के मृत्युपूर्व कथ्य को पढ़ने के बाद उसकी विवशता पर पत्थर दिल भी रुआंसा हुए बिना नहीं रह सकेगा। इस पत्र में मृतक ने आत्महत्या के लिए पत्नी, ससुराल परिवार और हजीरा पुलिस थाने में पदस्थ हैड-कॉन्स्टेबल को जिम्मेदार ठहराया है। प्रस्तुत है आत्महत्या करने वाले प्रमोद परिहार की विवशता का दस्तावेज….

बिड़ला नगर की लाइन-10 में रहने वाले प्रमोद परिहार ने पत्नी व उसके परिवार पर प्रताड़ना आरोप लगाते हुए गुरुवार रात अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रमोद सिंह परिहार की शादी लगभग छह वर्ष पूर्व मोना से हुई थी, उनके दो बच्चे भी हैं। फांसी पर लटकने से पूर्व लिखे गए दो पृष्ठ के पत्र में प्रमोद परिहार ने अपनी मृत्यु के लिए पत्नी मोना उसके पिता और हजीरा पुलिस थाने के हैड-कॉन्स्टेबल हरिदत्त चौहान को दोषी ठहराया है। प्रमोद ने पत्र में लिखा है कि वह पत्नी और उसके परिवार की प्रताड़ना से परेशान था। प्रमोद ने पत्र में आरोप लगाया है कि पत्नी मोना के विकास अहिरवार नामक एक युवक से अवैध संबंध थे। मोना अपने परिवार और प्रेमी के साथ मिलकर पुलिस को भी अपने पक्ष में किए हुए थी। इनके संकेत पर ही हजीरा पुलिस थाने का हैड-कॉन्स्टेबल हरिदत्त चौहान उसे झूठे मामलों में फंसा कर जेल में सड़ा देने की धमकी देता रहता था। विगत बुधवार हरिदत्त ने पत्नी और बच्चों के सामने ही पुलिस थाने में अपमानित और प्रताड़ित किया। पत्नी व उसके परिवार ने उसे झूठे दहेज मामले में भी फंसाया का प्रायास किया था।  

अच्छा भाई बन सका न बेटा, मीना दीदी मां का ख़याल रखना

प्रमोद ने सुसाइड नोट में लिखा है–वह एक अच्छा बेटा नहीं बन सका न ही वह एक अच्छा भाई साबित हुआ। उसने अपनी बहन मीना को संबोधित करते हुए लिखा है कि मां का ख्याल रखना वह बुढ़ापे में उनकी सेवा नहीं कर सका। हजीरा इलाके में रहने वाला प्रमोद परिहार छोटा मोटा काम धंधा कर अपनी आजीविका कमा रहा था, किंतु विवाह के बाद उसकी जिंदगी नर्क बन गई। पत्नी के गैर मर्द से संबंध ऊपर से ससुरालियों द्वारा उस पर लगातार आरोप लगाकर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराना, उसके लिए मानसिक संत्रास बन गया। विगत बुधवार को मोना बच्चों को लेकर रेल की पटरी पर पहुंच गई थी, वहां उसने हैड-कॉन्स्टेबल हरिदत्त को भी बुला कर रखा था। मोना ने प्रमोद को फोन कर बताया कि वह बच्चों समेत ट्रेन से कटने जा रही है। प्रमोद तुरंत वहां पहुंच गया पुलिस के सामने भी मोना प्रमोद को भला-बुरा कहती रही, मोना क् इस कृत्या पर गुस्से में आकर प्रमोद ने मोना को एक थप्पड़ मार दिया। वहां उपस्थित पुलिस हैड-कॉन्स्टेबल हरिदत्त चौहान ने भी मोना का साथ दिया और प्रमोद व उसके पूरे परिवार को थाने ले जाया गया।प्रमोद के अनुसार रात को 10 बजे तक उसे किसी दोष के विना ही बलात हवालात में रखा गया। पुलिस ने पत्नी की झूठी शिकायत पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कर लिया और इसमें प्रमोद की मां, भाई और बहनों का नाम भी घसीटा। लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से परेशान होकर प्रमोद ने आखिरकार मौत को गले लगा लिया अब उसके घर वाले न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

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