अहमदाबाद, 18 फरवरी। गुजरात समेत देश भर को दहला देने वाले अहमदाबाद में 2008 में हुए बम धमाकों के दोषियों को 13 साल बाद ऐतिहासिक सजा सुनाई गई है। गुजरात के विशेष न्यायालयने इस श्रंकलाबंद्ध बम विस्फोट के 38 दोषियों को मृत्युदण्ड दिया है। जबकि, 11 आरोपियों को मृत्युपर्यंत कारागार में रखे जाने की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने विगत मंगलवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और 49 आरोपियों को दोषी घोषित कर दिया था। ज्ञातव्य है कि इस निर्णय को स्वतंत्र भारत का सर्वाधिक आरोपियों को एक साथ दण्डित करने वाला न्यायालयीन निर्णय माना जा रहा है। इससे पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में एक साथ 26 लोगों को फांसी हुई थी। 70 मिनट में 21 धमाकों से दहल गया था अहमदाबाद, 56 निर्दोषों की हुई थी मृत्यु….
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट में हुए 21 बम धमाकों ने शहर-प्रदेश ही नहीं पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में 56 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे। पुलिस का दावा था कि संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकियों ने 2002 में गुजरात दंगों (गोधरा कांड) का बदला लेने के लिए इन धमाकों को अंजाम दिया था, जिसमें कई मुस्लिम मारे गए थे। अदालत ने इस मामले में 49 लोगों को दोषी करार दिया था और 28 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। लगभग 13 साल से अधिक पुराने इस मामले में न्यायालय ने विगत सितंबर में न्यायिक कार्यवाही पूरी कर ली थी।
षडयंत्रकारियों पर लगभग 6 लाख का अर्थदण्ड, मृतकों के आश्रितों को 1 लाख और घालों को 50 हजार
स्पेशल कोर्ट ने UAPA (Unlawful Activities Prevention) Act और आईपीसी (Indian Penal Code) के सेक्शन 302 के प्रावधानों के तहत दण्ड की घोषणा की है। विशेश न्यायधीश एआर पटेल ने निर्णय सुनाने के समयन विस्फोट में मृतकों के परिजन को एक लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपए और आंशिक घायलों को 25 हजार रुपए प्रतिपूर्ति की घोषणा की है। न्यायालय ने 48 दोषियों पर 2.85 लाख रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया। जिन दोषियों को मृत्युदंड की सजा का ऐलान हुआ है, उनमें सिर्फ उस्मान अगरबत्तीवाला ही अवैध हथियार अधिनियाम के तहत दोषी है, जबकि इस पर 2.88 लाख रुपए का अर्धदण्ड लगाया गया।
20 प्राथमिकी में 78 आरोपियों के विरुद्ध शुरू हुई थी सुनवाई
अहमदाबाद में श्रंखलाबद्ध धमाकों के कुछ दिन बाद पुलिस ने सूरत के विभिन्न इलाकों से कई बम बरामद किए थे। इसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। न्यायालय की ओर से सभी 35 प्राथमिकी एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के विरुद्ध न्यायिक प्रक्रिया का प्रारंभ हुआ था। इनमें से एक आरोपी बाद में शासकीय गवाह बन गया था। बाद में गिरफ्तार हुए चार और आरोपियों का मामला अभी तक प्रारंभ ही नहीं हो पाया है। न्यायिक प्रक्रिया में अभियोजन पक्ष ने अब 1,100 गवाहों का परीक्षण किया है।