धौलपुर, 27 जनवरी। आटे-साटे की शिकार राजस्थान के नगौर की 21 वर्षीय सुमन की विगत जुलाई में आत्महत्या ने समाज को हिला दिया था। सुमन ने आत्महत्या पूर्व लिखे पत्र में हर भाई को राखी की सौगंध दिलाई थी कि इस अमानवीय आटे-साटे की बलि अब और कोई बहन न चढ़े। इसी प्रदेश के धौलपुर में फिर स्वार्थ में अंधे एक भाई ने अपनी लाड़ली 16 वर्षीय मासूम बहन का आटा-साटा 49 वर्षीय शराबी से कर दिया। मारपीट और प्रताड़ना से तंग बहन किसी अपने सबसे छोटे भाई के साथ ससुराल की कैद से बाहर आ सकी। फिलहाल उसे धौलपुर बाल कल्याण समिति में रखा गया है। पुलिस ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना प्रारंभ कर दी है। दूसरी पत्नी पाने के लालच में भाई ने किया नाबालिग बहन को सौंपा 49 वर्षीय शराबी के हाथ….                                                                                                                                                                     

दूसरे विवाह के लिए भाई ने 16 वर्षीय नाबालिग बहन का 49 वर्षीय शराबी से आटा-साटा कर दिया। पिता ने इस कुप्रथा की बलिवेदी पर नाबालिग बेटी को चढ़ाने का  विरोध किया तो बेटे ने उन्हें भी डरा-धमका कर चुप करा दिया। अधेड़ पति भीख मांगकर शराब पीता, नाबालिग लड़की की बेरहमी से पीटता है। शराब के नशे ठरकी नाबालिग से बलात्कार भी करता रहा। तीन गुनी आयु के ठरकी पति की यातनाओं से परेशान नाबालिग ने किसी तरह अपने सबसे छोटे भाई को फोन किया। बहन की पीड़ा सुन हैदराबाद में मजदूरी कर रहा भाई उसे किसी तरह ससुराल से ले आया। मामला धौलपुर की बाल कल्याण समिति तक पहुंच गया।

धौलपुर बाल कल्याण समिति के सदस्य गिरीश गुर्जर ने नाबालिग बसेड़ी के एक गांव की रहने वाली है। उसके तीन भाई हैं। सबसे बड़ा परिवार से अलग रहता है। दूसरे नंबर का भाई मुंबई में ऑटो चलाता है और तीसरा हैदराबाद में मजदूरी करता है। बड़े भाई की पत्नी की मृत्यु हो गई तो उसे दूसरे विवाह के लिए साढ़ू के बड़े भाई से 16 वर्षीय छोटी बहन का आटा-साटा तय कर दिया। नाबालिग ने बाल कल्याण समिति को बताया कि उसके ससुराल वाले उसे रोज मारते-पीटते थे। इसकी शिकायत करने पर दूसरे नंबर के भाई ने भी उसे धमका कर चुप करा दिया।

एक बारात लौटी तो साथ आई दूसरी बारात, रात में ही नाबालिग को कर दिया विदा
नाबालिग पीड़िता ने बताया कि 15 मार्च को उसके सबसे बड़े भाई ने दूसरा विवाह किया था। सुबह घर से भाई बारात लेकर विवाह के लिए गया था तब घर में मंगल काज की प्रसन्नता छाई हुई थी। रात को बारात घर लौटी तो साथ ही दरवाजे पर एक और बारात आ गई। नाबालिग को बताया गया कि उसका विवाह आटा-साटा में तय कर दिया गया है। विवाह अस्वीकार करने पर बड़े भाई ने उसकी पिटाई की। पिता बचाने पहुंचे तो उन्हें भी डरा-धमका दिया गया। नाबालिग ने विवाह के दिन भागने की भी कोशिश की, लेकिन मौका नहीं मिला।


अधेड़ पति शराब पीकर रोज करता था बलात्कार, विरोध करने पर होती थी पिटाई

नाबालिग ने बताया कि पति भीख मांगकर पैसे इकट्ठे करता औऱ शराब के नशे में घर लौटता। घर आकर वह निर्दयता से वासनापूर्ति करता था। विरोध करने पर पहली पत्नी की तरह मार डालने की धमकी देर मारता पीटता था। नाबालिग को ज्ञात हुआ कि उसकी पहली पत्नी की आग से चलकर मृत्यु हो गई थी। बाल कल्याण समिति के सदस्य गिरीश गुर्जर ने बताया कि नाबालिग को बदहवास हालत में उसका भाई धौलपुर लाया था। प्राथमिक कथन अभिलेखन के बाद उसे सखी कल्याण केंद्र में भेजा गया है। गिरीश ने बताया कि नाबालिग के परामर्श के बाद उसके कथन दोबारा अभिलेखित किए जाएंगे। बयानों के बाद मामले में पुलिस कार्रवाई की जाएगी।

आटा-साटाः बहन पैदा होते ही तय हो जाती है भाई की दुल्हन, बहन का दूल्हा

आटा-साटा एक सामाजिक कुप्रथा है। इसके तहत दुल्हन के ससुराल में आते ही दूल्हे की बहन की शादी दुल्हन के भाई से करनी होती है। इसमें दूल्हा-दुल्हन के गुण-धर्म, रूप-सौंदर्य और योग्यता का नहीं ध्यान नहीं रखा जाता। इस प्रथा में लड़की के बदले लड़की की सौदेबाजी होती है। राजस्थान के इस क्षेत्र में समाज में कन्या भ्रूण-हत्या की पुरानी कुप्रथा से लड़कियों की बेहद कमी हो गई है। इसलिए कई समाज में आटा-साटा की सामाजिक सौदेबाजी को अनौपचारिक मान्यता दे दी गई है। इसके कारण पढ़ी-लिखी युवा लड़कियों की शादी अनपढ़ और उम्रदराज पुरुषों से करनी पड़ती है

इस तरह आटा-साटा में फंसी महकती-चहकती सुमन

सुमन की शादी दो साल पूर्व भुनी गांव के बकरियां चराने वाले नेमाराम से हुई थी। दरअसल सुमन की शादी के बदले नेमाराम की दो बहनों की शादी सुमन के  भाइयों के लिए तय दुल्हनों के भाइयों से लिचाना गांव में कराई गई। इनकी लिचाना गांव में शादी कराई गई। इसके बदले सुमन के दो भाइयों को दुल्हनें मिलीं। इस तरह सुमन की अनपढ़ से शादी के बदले चार युवकों को दुल्हनें मिलीं थीं। इस प्रथा की एक शर्त के अनुसार अगर आटे-साटे की एक भी दुल्हन पति से अलग होती है तो इसके बदले में हुईं सभी शादियों की सौदेबाजी टूट जाती है। जाहिर है सुमन अपने अनपढ़ पति से तलाक लेती तो उसके दो भाइयों व उनके दो सालों की शादी भी टूट जाती। सुमन अपने अनपढ़ पति के साथ कतई नहीं रहना चाहती थी। सामाजिक व पारिवारिक दबाव से डिप्रेशन में आई सुमन ने कुएं में कूदकर जान दे दी।

वायरल हुआ सुसाइड नोट, सुमन ने लिखा–मेरी मौत का जिम्मेदार समाज

सुमन की मौत के बाद उसका सुसाइड नोट खूब वायरल हो रहा है। इसमें उसने  लिखा है–मेरा नाम सुमन चौधरी है। मुझे पता है सुसाइड करना गलत है, पर सुसाइड करना चाहती हूं। मेरे मरने की वजह मेरा परिवार नहीं, पूरा समाज है, जिसने आटा-साटा नाम की कुप्रथा चला रखी है। इसके कारण लड़कियों को जिंदा मौत मिलती है। इसमें लड़कियों को समाज के समझदार परिवार अपने लड़कों के बदले बेचते हैं। आप समाज के लोगों की नजरों में तलाक लेना गलत है, परिवार के खिलाफ शादी करना गलत है, तो फिर यह आटा-साटा भी गलत है। आज इस प्रथा के कारण हजारों लड़कियों की जिंदगी और परिवार पूरे बर्बाद हो गए हैं। इस प्रथा के कारण पढ़ी-लिखी लड़कियों की जिंदगी खराब हो जाती है। इसी प्रथा के कारण 17 साल की लड़की की शादी 70 साल के बुजुर्ग से कर दी जाती है। केवल अपने स्वार्थ के कारण। मैं चाहती हूं, मेरी मौत के बाद यह मेरी बातें बनाने की जगह, मेरे परिवार वालों पर उंगली उठाने की जगह, इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाएं। इस प्रथा को बंद करने के लिए शुरुआत करनी होगी। मेरी हर एक भाइयों को अपनी बहन राखी की सौगंध, अपनी बहन की जिंदगी खराब करके अपना घर न बसाए। आज इस प्रथा के कारण समाज की सोच कितनी खराब हो गई है कि लड़की के पैदा होते ही तय कर लेते हैं कि इसके बदले किसकी शादी करानी है।

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