ग्वालियर, 20 जनवरी। ग्वालियर के अविनाश और उनसे आठ हजार किलोमीटर दूर के देश मोरक्को की फादवा की दोस्ती सोशल मीडिया पर हुई। फादवा प्रबंधन की पढ़ाई करने ग्वालियर आ गई और अविनाश के घर में ही किराए से रहने लगी। कभी चैट कभी वीडियो कॉल करते दोनों की मैत्री प्रेम में बदल गई। प्रेम के मार्ग में दो देशों की संस्कृति और धर्म की बाधाएं आईं किंतु प्रेम सच्चा था डिगा नहीं। अविनाश ने कहा–मैं देश छोड़ूंगा न धर्म और न आपकी बेटी को धर्म बदलने को कहूंगा, अंततः प्रेम की ऊष्मा से पसीजी सरहद और धर्म की बाधा….
प्रेम के लिए भगवान श्रीराम ने समुद्र पर सेतु बना लिया तो दशरथ मांझी ने पहाड़ काट डाला। मोरक्कन प्रेमिका फादवा के मुस्लिम पिता अली लैमाली से विवाह की अनुमति मांगने प्रेम के पुल पर सवार हो ग्वालियर का अविनाश सात समंदर पर मोरक्को जा पहुंचा। प्रेमिका फादवा के पिता एक विधर्मी विदेशी से बेटी का विवाह करने तैयार नहीं हो रहे थे, चार बार अस्वीकार कर चुके थे, इसके बाद भी अविनाश ने पराजय स्वीकार नहीं की। वह खुद मोरक्को गया, वहां प्रेयसी के पिता ने उसे धर्म परिवर्तन कर मोरक्को में बसने की शर्त रखी। शर्त और मोरक्कों की अमीरी के लालच को ठुकराते हुए अविनाश ने प्रेयसी फादवा के पिता से कहा–मैं धर्म बदलूंगा और न ही देश छोड़ूंगा, किंतु आपकी बेटी पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं बनाऊंगा। अली लैमाली अविनाश की दृढ़ता और उसके प्रेम की गहराई देख बेटी का हाथ उसे देने तैयार हो गए। बुधवार को दोनों का विवाह पंजीकृत हो गया। दंपति ने बताया कि अब वह हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करेंगे। कोविड-19 प्रोटोकोल के तहत जारी प्रतिबंध समाप्त होने के बाद रिसेप्शन भी देंगे।
सोशल-मीडिया पर मैत्री हुई, किराएदर बनी तो हो गया जन्मों का प्रेम
मोरक्को के नूर कासाब्लांका की 24 वर्षीय मुस्लिम युवती ग्वालियर की एक निजी यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही है। ग्वालियर में गुड़ा-गुड़ी का नाका स्थित प्रीतमपुर कॉलोनी निवासी 26 वर्षीय अविनाश दोहरे ऑनलाइन कंसल्टेंसी में काम करने के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। बुधवार को दोनों ने ग्वालियर के विवाह न्यायालय में विवाह कर लिया। अविनाश दोहरे बताते हैं सोशल-मीडिया चैट औऱ वीडियो कॉल करते करते वह किराए उनके मकान में ही रह रही मोरक्कन युवती फादवा से प्रेम करने लगे। आग दोनों तरफ बराबार जल रही थी, अंततः दोनों ने आगे का जीवन एक-दूसरे के साथ बिताने का निर्णय ले लिया।
परिजन मान गए तो प्रशासनिक परेशानियां बनने लगीं बाधा
अविनाश-फादवा ने बताया कि बहुत मान-मनव्वल के बाद परिजन ने रिश्ता स्वीकार तो मोरक्को शासन की विवाह के अनापत्ति आने में परेशानी हुई। मोरक्को से जानकारी भेजी गई कि अनापत्ति के लिए विद्यार्थी के रूप में भारत गई फादवा को स्वयं आवेदन करना होगा। फादवा के आवेदन पर अनापत्ति आई और बुधवार को अविनाश-फादवा विवाह अधिकारी के न्यायालय में पहुंचे। विवाह अधिकारी एचबी शर्मा के समक्ष दोनों के परिजन भी उपस्थित हुए और अविनाश-फादवा पति-पत्नी बन गए।
विवाह अधिकारी एचबी शर्मा ने बताया कि मोरक्को की युवती ने ग्वालियर के युवक से विवाह के लिए आवेदन किया था। मोरक्को से एनओसी मिल गई है। प्रक्रिया पूर्ण होते ही दोनों का विवाह कराकर पंजीयन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।