इंदौर, 08 जनवरी। दुल्हन बन अधिक आयु तक विवाह से वंचित मालदार वर फांस कर उससे रकम वसूलने वाले नकली मायके वालों और विवाह बाद रफूचक्कर हो जाने वाली दुल्हन को पकड़ लिया गया है। पुलिस ने लुटेरी दुल्हन को फांसने नकली दूल्हे का फंदा डाला, विवाह के लिए एक लाख रुपए का लालच दिया और दूल्हे के साथ बारात लेकर पहुंच गई। नए शिकार की उम्मीद में शिकारी दुल्हन और उसके नकली रिश्तेदार खुद पुलिस के शिकार बन गए। पुलिस ने शनिवार को इंदौर के मोती तबेला मंदिर में लुटेरी दुल्हन और उसके नकली खानदान को उनकी असली ससुराल हवालात में भेज दिया। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है, ताकि ऐसे शिकारों की जानकारी भी ली जा सके जो सामाजिक मर्यादाओं के कारण शिकायत नहीं कर सके। ठगोरी दुल्हन के लिए बिछाया मालदार दूल्हे का चारा, एक लाख रुपए का लालच औऱ पुलिस ने बाराती बन दुल्हनिया को पहुंचा दिया ससुराल….  

ठग दुल्हन के फर्जी खानदान को पकड़ने के लिए इंस्पेक्टर अशोक पाटीदार ने चारे के तौर पर अपने ही एक साथी को नकली दूल्हा बनाया। उसने  रेशमा और उसकी मां से विवाह के लिए संपर्क किया। नकली परिजन को विवाह के बदले एक लाख रुपए देने का लालच दिया। ठगिनी दुल्हन और उसके शातिर परिवार को जाल में फंसाने मोती तबेला मंदिर बुला लिया गया। नया शिकार अपने आप फंसते देख मुंह में लालच का पानी भरे दूल्हाखोर दुल्हन तैयार होकर कानदान समेत मोती तबेला के पास मंदिर में आ गई। शादी की प्रक्रिया शुरू होने लगी तभी पुलिस के बाराती आ धमके और दूल्हाखोर दुल्हन को उसकी नकली मां और बहन समेत गिरोह को धर दबोचा। पुलिस की शातिर चालों ने शातिर लुटेरी दुल्हन को उसकी असली ससुराल अर्तात हवालात में पहुंचा दिया।

पुलिस ने बताया कि पकड़ी गई दूल्हाखोर दुल्हन रेशमा दरअसर राधा उर्फ वर्षा उर्फ पत्नी सनी सालवी निवासी नार्थ हरसिद्धि मोती तबेला है। उसकी मां बनने वाली पूजा सावंत उर्फ पूजा पटेल पत्नी सोनू मराठा निवासी द्वारकापुरी है। उसकी बहन बनने वाली आरोपी का नाम मंजू पत्नी वीरेंद्र चौधरी है।

विवाह के बाद 85 हजार रुपए लेकर हो गई थी फरार

इंदौर की सेंट्रल पुलिस कोतवाली के थाना प्रभारी अशोक पाटीदार ने बताया दो दिन पूर्व रवि ठाकुर ने शिकायत की थी कि एक दुल्हन और उसके रिश्तेदारों ने मिलकर उससे विवाह के लिए 85 हजार रुपए वसूल किए औऱ दुल्हन उसे चकमा देकर बाग गई। रवि की शिकायत के अनुसार उसके परिचित विनोद ने उससे विवाह कराने के लिए एक लड़की का फोटो दिखाकर बताया कि उसका नाम रेशमा है। रवि ने रेशमा को पसंद कर लिया और उसी शाम विवाह की तैयारी भी कर ली। विवाह में रेशमा के साथ उसकी मां पूजा और रिश्तेदार देवास में भेरूगढ़ के पास मंदिर में पहुंचे। रवि ने बताया कि विवाह 10 दिन पूर्व हुआ और वह रेशमा को लेकर इंदौर आ गया।  दूसरे दिन रेशमा ने उससे कहा कि उसका भाई संजय सेतु पुल पर खड़ा है। उसे मोबाइल देना है। रेशमा मोबाइल देने के बहाने गई और भाग निकली।

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