ग्वालियर, 29 दिसंबर। भिण्ड जिले में अमायन कस्बे के अजय के बचपन ने एक्टर बनने का सपना देख लिया। गरीब मां-बाप को बेटा के सपने समझ में ही नहीं आते थे, इसलिए वह भी हर अभिभावक की तरह बेटे से पढ़ाई में मन लगाने की हिदायत देते रहते थे। अजय ने सपनों का पीछा करना शुरू किया, राह में तिरस्कार-धिक्कार सब मिला, लेकिन वह थमा नहीं। अखबार में विज्ञापन देख वह दिल्ली पहुंचा, वहां ऑडिशन में उसे रिजेक्ट कर दिया गया। इस पर अजय ने ठान लिया कि अब तो एक्टर ही बनना है। रिजेक्शन से ही सिलेक्शन के रास्ते की अथक यात्रा शुरु की और आज वह ऐसे मुकाम पर जा पहुंचा है, जहां से उसे अपनी मंजिल साफ नज़र आने लगी है। अजय को भरोसा है कि वह बचपन के सपनों की राह की बाधाओं पर विजय पा ही लेगा। दिल्ली में हुआ पहला ऑडीशन, रिजेक्ट हुआ तो ठान ली जिद……
अखबार में विज्ञापन देख अजय दिल्ली पहुंचा और एक्टर बनने की इच्छा से ऑडीशन दिया। धुर देहात अमायन से सपनों का पीछा करते दिल्ली पहुंचे अजय को ऑडीशन में रिजेक्ट कर दिया गया। इस नाकामी ने अजय के अंदर जुनून को जगा दिया। ऑडीशन में नकार दिए जाने के बाद वह वहीं एक निजी ड्रामा स्कूल में पहुंचा, लेकिन फीस उसके परिवार की क्षमता से बहुत ऊपर थी। अजय ने फिर भी हार नहीं मानी। वह दिल्ली में ही मेहनत मजदूर कर गुजारा करने लगा। काम से फुर्सत मिलते ही अजय ने ड्रामा स्कूल की वर्कशॉप को दूर से ही देखना शुरू कर दिया। वह प्रशिक्षण देख घर पर जा कर आइने के सामने उसे दोहराने का अभ्यास में जुट गया।
पटना में सुरक्षा-कर्मी की नौकरी करते मिला भोजपुरी फिल्मों में अवसर
इसी दौरान उसे काम-धंधे के लिए पटना जा पड़ा। पटना में उसे सुरक्षा कर्मी की नौकरी मिल गईस लेकिन उसकी लौ तो एक्टिंग में ही लगी हुई थी। उसकी लगन को एक अवसर मिला। विजय स्टुडियोज की एक भोजपुरी फिल्म में उसके नृत्य और अभिनय को देख उस बैकग्राउंड नर्तक, एक्स्ट्रा अभिनेता जैसे छोटे-छोटे काम मिलने लगे। संपर्क बढ़ा तो एक कास्टिंग कोर्डिनेटर उसे बॉलीबुड की मायानगर मुंबई में ले गया। अजय को दर्जनों छोटे-छोटे रोल मिले, लेकिन चंद्रगुप्त मौर्य सीरीज में उसकी मेहनत को सराहा गया। उसे हर दिन नए रोल मिले और हर रोल में खरा उतरकर उसने अपनी क्षमताओं को साबित कर दिया। इसी मेहनत ने उसे एंड टीवी पर प्रसारित हुए राधाकृष्ण सीरियल में कृष्ण के गोप सखा के रोल समेत कई रोल मिले।
कोरोना से सफर में आया ठहराव, लेकिन अजय को वापसी का विश्वास
कोरोना के क्रूर काल ने देश में बहुत बड़ा ठहराव ला दिया, अजय को भी वापस आना पड़ा। इस दौरान उसे पिता के इलाज के लिए ग्वालियर में रुकना पड़ा है। किंतु, उसके सपने मुंबई में उसका इंतजार कर रहे हैं। उसे भरोसा है कि अब वह जिस मुकाम पर है, वहां से उसे मंजिल साफ नजर आ रही है, वह थमेगा नहीं। जल्द ही अजय का एक भोजपुरी म्यूजिक एल्बम ‘इश्क है’ जारी होने वाला है, जिसे होली पर रिलीज किया जाएगा।