ग्वालियर, 26 दिसंबर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि समावेशी-स्वदेशी को मूल-मंत्र मानकर ही देश को जगद्गुरु गौरव पर पुनर्प्रतिष्ठित किया जा सकता है। इसी अवधारणा पर चलकर देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। स्वदेशी जागरण मंच इसी दिशा में सतत प्रयासरत है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया रविवार को लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजीकर एजुकेशन (एलएनआईपीई) विश्विद्यालय में स्वदेशी जागरण मंच की 15 वीं राष्ट्रीय सभा को संबोधित किया। स्वदेशी जागरण मंच के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमारा इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। हम उद्योग, आध्यात्म, संस्कृति राजनीतिक रूप से विश्वगुरु थे। हमारा सकल घरेलू उत्पाद शेष विश्व के बराबर था। हम सामरिक रूप से सबसे सशक्त थे। सिंधिया ने कहा कि जब हम अपने अतीत को जानेंगे, उस पर गर्व करेंगे तभी तो उससे प्रेरणा लेकर देश को उसका ऐतिहासिक गौरव वापस दिलाने के लिए प्रयास करेंगे। स्वदेशी जागरण मंच यही कार्य कर रहा है।
विश्व में सबसे अधिक युवा जनसंख्या जुट जाए तो हम पुनः बनेंगे विश्वगुरु
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत 130 करोड़ जनसंख्या होने के बावजूद कृषि क्षेत्र में बहुत आगे है। आईटी सेक्टर में हमारे युवा विश्व की अग्रणी कंपनियों का संचालन कर रहे हैं। देश में 90 करोड़ युवा हैं जो किसी भी परिस्थिति को अपने अनुकूल करनें में सक्षम हैं। सिंधिया ने जोर दिया कि हमें कच्चे माल के उत्पादन के साथ ही उसकी प्रोसेसिंग देश में ही करने का बीड़ा उठाना होगा। उन्होंने चंदेरी फैब्रिक को अंतरराष्टीय ब्रांड बनाने का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने चंदेरी में ही स्थानीय बुनकरों के लिए 240 हैंडलूम मशीनों का एशिया का सबसे बड़ी इकाई स्तापित कराई। यहां के युवा बुनकरों को प्रशिक्षण दिलाकर कैड-कैम मशीने भी स्थापित कराईं। बुनकरों से सस्ता माल लेकर महानगरों में बेचने वाली 10 कंपनियों के रिटेल आउटलेट चंदेरी में ही स्थापित कराए। अब ये कंपनियां स्व-सहायता समूहों के माध्यम से चंदेरी के बुनकरों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध करा रही हैं।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने सर्वप्रथम उठाया था स्वदेशी गौरव स्थापना ध्वज
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्मरण कराया कि जिस अवधारणा पर महामना दत्तोपंत ठेंगड़ी ने स्वदेशी जागरण मंत्री की स्थापना की थी, वह छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज की भावना की ही आधुनिक रूपांतरित प्रतिनिधि है। उन्होंने स्मरण कराया कि किस तरह सिंधिया रजावंश के महादजी सिंधिया ने शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज ध्वज को अटक-कटक-मुल्तान तक फहराया था। सिंधिया ने कहा कि इसी अवधारणा को प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी मेक-इन-इंडिया के माध्यम से पल्लवित कर रहे हैं।