ग्वालियर, 25 दिसंबर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वापस लिए जा चुके किसान कानूनों पर महाराष्ट्र के नागपुर में एक मंच से जो कहा वह चौंकाने वाला माना जा रहा है। नागपुर के एक आयोजन में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा–कृषि कानून 70 साल की आजादी के बाद लाया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म था, लेकिन कुछ लोगों के विरोध के बाद उसे वापस लेना पड़ा। उन्होंने आगे जो कहा वह ध्यान देने योग्य है। उन्होंने कहा–­हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं,  लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे। सरकार आगे के बारे में सोच रही है, हम निराश नहीं हैं। किसान भारत की रीढ़ हैं।

ज्ञातव्य है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर 19 नवंबर 2021 को अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापन लेने का ऐलान किया था। संसद में कानून वापस लेने के बाद एक  दिसंबर को राष्ट्रपति ने भी इस पर अंतिम मुहर लगा दी थी।

राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि किसान को आत्महत्या न करनी पड़े

शनिवार को गृहनगर आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके मार्गदर्शन में काम करने के अवसर को अपना सौभाग्य बताया। इस अवसर पर संवाद माध्यमों से चर्चा करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं, उन्हें उनके उत्पादों का वाजिब दाम मिल सके, इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करने का है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 11.50 करोड़ किसानों को एक करोड़ 60 लाख रुपये उनके के खाते में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए हैं। इसके अलावा जिन किसानों का मौसम की प्रतिकूलताओं के कारण नुकसान हुआ है उन्हें मुआवजा राशि के रूप में एक लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने राहत के रूप में दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को अब देखना होगा कि उनके राज्य में कोई किसान आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या न करे। केंद्र सरकार उन्हें हर संभव मदद करेगी।

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