ग्वालियर, 18 दिसंबर। शहर से से सटी छोंड़ा वन चौकी क्षेत्र के कुशपुरा जंगलों में किसी हिंसक वन्य जीव के झाड़ियों में फंसे होने की सूचना पर पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने छानबीन की तो पता चला कि झाड़ियों मे तेंदुआ है। टीम ने सुरक्षित घेराबंदी के बाद मादा तेंदुए को ट्रांक्विलाइज कर पिंजरे में बंद कर लिया। तेंदुए के ग्वालियर को गांधी वन्यजीव उद्यान में भेज दिया, यहां उसका विशेषज्ञों की देखरेख में उपचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि अब गांधी उद्यान में कुल पांच तेंदुए हो गए हैं।
शिकारी के कड़े में फंस कर घायल हुई मादा तेंदुआ
वन विभाग की छोंड़ा चौकी के इलाके में शिकारियों ने झाड़ियों में छिपा कर लोहे का कड़ा (शिकंजा) रखा गया था। उसमें फंसकर तेंदुए का पैर घायल हो गया था। वन चौकी के प्रभारी पुरुषोत्तम सिंह जादौन ने बताया कि सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम को लैस कर सांतऊ-कुशपुरा के जंगलों में भेजा गया। टीम ने पहले गुर्राने आवाज से सुनिश्चित किया कि झाड़ियों में तेंदुआ है। उसके बाद सुरक्षित घेराबंदी कर ट्रांक्विलाइज गन से बेहोश कर उसे पिंजरे में कैद कर लिया गया। गौरतलब है कि करीब 1.5 वर्ष पूर्व भी शिकारियों के करतूत से एक तेंदुआ पंजे कटा बैठा था। वन विभाग की टीम ने पूर्व की तरह इस बार भी घायल तेंदुए को गांधी वन्य प्राणी उद्यान के सुपुर्द कर दिया है।
गांधी वन्य प्राणी उद्यान में हुए अब 5 तेंदुए
वन्य प्राणी उद्यान के क्यूरेटर डॉ.गौरव परिहार ने बाताय कि 1.5 वर्ष पूर्व आए तेंदुआ का लंबा उपचार चला और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। डॉ. गौरव ने बताया कि शनिवार को आई मादा तेंदुआ लगभग चार वर्ष से अधिक उम्र की है। उसका उपचार भी प्रारंभ कर दिया गया है। इसके के आने के बाद प्राणी उद्यान में अब पांच तेंदुए हो गए हैं।