भोपाल, 17 दिसंबर। वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शुक्रवार को अग् यान पर सवार होकर स्वर्गलोक को प्रस्थान कर गए। भाई तनुज सिंह और बेटे ने शुक्रवार को उन्हें मुखाग्नि दी। नौसेना का वीर अधिकारी तनुज भाई वरुण की मुख्गिनि के बाद चिता के सामने ही बैठ कर भाव-विह्वल हो कर रो पड़े। पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह की आंखो में भी आंसू थे, किंतु उनकी पत्नी ने बच्चों की ख़तिर आंसुओं पर काबू कर पति को अंतिम विदाई देते हुए बस इतना कहा-आई एम सॉरी। वरुण की अंतिम विदाई पर बेटे की आंखों में भी आंसू झलके और नन्हीं बेटी तो फूट-फूट कर रो पड़ी।

ग्रुप कैप्टेन वरुण सिंह को अंतिम विदाई देने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी पहुंचे, उन्होंने शहीद वायुवीर को सैल्यूट किया। मुख्यमंत्री ने कैप्टन के बेटे के कंधे पर हाथ रख सांत्वना दी और परिवार को भी सांत्वना दी।तीनों सेनाओं के अफसरों ने भी अपने शहीद साथी को ग़मगीन किंतु पूरे सैनक जोश के साथा अंतिम विदाई दी। कैप्टन को गार्ड ऑफ ऑनर व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

इससे पूर्व फूलों से सजे सेना के ट्रक में वरुण की पार्थिव देह को उनके पैतृक  निवास पर लाया गया। मार्ग में खड़े लोग’भारत माता की जय’, ‘वरुण सिंह अमर रहें’ के नारे लगाते हुए उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पवर्षा करते रहे।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर सेना के प्लेन से गुरुवार को बेंगलुरु से भोपाल लाया गया था। यहां मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री-विधायकों ने उनको श्रद्धांजलि दी थी। यहां से पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से भोपाल स्थित सन सिटी कॉलोनी में उनके घर ले जाया गया था। उसके बाद पार्थिव देह मिलिट्री हॉस्पिटल में बने मॉर्चुरी हाउस में रख दी गई थी।

तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया था। वरुण 7 दिन से बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती थे।

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