कोलकाता, 24 नवंबर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारत में वह क्षमता है कि हम आने वाले दशक में हवाई यात्रा के क्षेत्र में शीर्ष स्थान प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा, सरकार क्षेत्रीय और लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय वायुमार्गों पर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बुधवार को इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स के सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि और हम 2025 तक विमानतलों की संख्या 136 से 220 तक बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। इसमें हेलीपोर्ट और वाटर पोर्ट भी शामिल हैं। सिंधिया ने कहा कि हमारे सामने बहुत कार्य हैं, जिन्हें पूरा करना है। उन्होंने जानकारी दी कि गुरुवार को जेवर विमानतल (नोएडा के पास) का शुभारंभ करने जा रहे हैं। उत्तरप्रदेश के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही दिल्ली देश का पहला शहर बन जाएगा, जहां 70 किमी की रेंज में अब तीन एयरपोर्ट होंगे। इनमें दो अंतरराष्ट्रीय होंगे। दिल्ली और जेवर के अलावा तीसरा एयरपोर्ट गाजियाबाद का हिंडन है, जहां से घरेलू उड़ान संचालित होती हैं।

उन्होंने बताया कि अकेले नागरिक उड्डयन में कनेक्टिविटी वृद्धि 89 प्रतिशत है। इससे हमें 2019 में यात्रा संख्या के मामले में सातवें से चौथे स्थान पर पहुंचने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा-नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में विकास अब टियर-2 और टियर-3 शहरों से आएगा क्योंकि टियर-1 शहर अब परिपक्वता तक पहुंच चुके हैं और ज्यादातर महानगरों को दूसरे हवाईअड्डे की जरूरत है। मैं कोलकाता में एक दूसरे हवाई अड्डे के लिए एक स्थान मिलने की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

उन्होंने कहा–दो प्रतिमान बदल गए हैं, वैश्वीकरण से लेकर हाइपरलोकलाइजेशन और कम से कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचना। कनेक्टिविटी विकास की  वाहक बन गई है। नागरिक उड्डयन का मानो अभी उदय हो रहा है।

सिंधिया ने कहा– मैं हैरान हूं कि हेलीकॉप्टर-स्पेस का भारत में अभी आंशिक दोहन ही हो सका है। भारत के पास केवल 280 (सिविल) हेलीकॉप्टर (पंजीकृत और परिचालित) हैं, जिनमें से 181 गैर-शेड्यूल्ड हैं, जबकि ब्राजील, रूस जैसे अन्य देशों में हजारों हेलीकॉप्टर हैं।

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