ग्वालियर, 25 नवंबर। मध्यप्रदेश उच्चन्यायलय की ग्वालियर खंडपीठ ने डेंगू की रोकथाम के लिए लेकर जमीनी स्तर हो रहे प्रयासों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।  माननीय न्यायालय ने जिम्मेदार विभागों को डेंगू के प्रति आम लोगों को  जागरूकता बनाने के कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश भी दिए हैं। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा है कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण काल में आम लोगों को निजी अस्पतालों का सहारा लेने की विवशता में आर्थिक हानि उटानी पड़ा थी, ऐसी नौबत डेंगू के दौरान नहीं आए।

उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने टिप्पणी की है कि शासकीय स्वास्थ्य सेवाएं ऐसी होनी चाहिए ताकि आम लोग ग्वालियर वहां से चिकित्सा कराने में हिचकिचाएं नहीं। उच्च न्यायालय ने अपेक्षा प्रकट की है कि जिले के 32 स्वास्थ्य केंद्र और उप-स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज और दवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जाए। अधिकारियों को ग्रामीण अंचल से लेकर महानगर तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की एक सूची प्रसारित कराना जरूरी होगी ताकि लोग महामारी के फैलाव के दौरान मैदानी अमले से संपर्क कर सकें।

महामाारी को जड़ से खत्म करने की दिशा में कार्य किए जाएं, इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स समय-समय पर स्वस्थ एवं जागरूकता अभियान की समीक्षा करें। ज्ञातव्य है कि दो साल पहले डेंगू को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने डेंगू के संबंध में कुछ बिंदुओं पर दिशा-निर्देश भी जारी किए थे, किंतु उनका पालन नहीं किया जा रहा था। याचिकाकर्ता ने इस पर अवमानना याचिका दायर की थी।

बाइट आदित्य राजावत …याचिकाकर्ता अधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर

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