अमृतसर, 21 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृषि कानून वापस लेने के निर्णय का स्वागत करते हुए  श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बड़ा बयान दिया है। जत्थेदार ने कहा­–कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में सिखों-भारत सरकार और सिखों-हिंदुओं के बीच लड़ाई करवाने की साजिश रची जा रही थी। जत्थेदार ज्ञानी हरप्पीत सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय से ऐसे तत्वों के मंसूबे नाकाम हो गए। एक वीडियो में सिक्खों की शीर्ष संस्था ने भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनकी पूरी कैबिनेट का किसान कानून वापस लिए जाने के निर्णय पर धन्यवाद दिया। 

राष्ट्र से टली बड़ी आपदा

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत ने कहा कि कानून वापसी की घोषणा से बड़ी राष्ट्रीय विपदा टल गई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में कुछ ऐसे गुट थे, जो सिख सोच, निशान, फलसफे, इतिहास और भावनाओं को दरकिनार कर रहे थे। आने वाले समय में हमें इसके नुकसान झेलने पड़ते। जत्थेदार का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि पंजाब शुरू से ही किसान आंदोलन का सिरमौर बना हुआ है। पंजाब से ही शुरू होकर यह आंदोलन पूरे देश में फैला।

द्वेष पैदा करके राजनीतिक जमीन मजबूत करने की भी कोशिश

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध की आड़ में कुछ शरारती तत्व हिंदू-सिख भाईचारे का बंटवारा करने के प्रयास में जुटे थे, जबकि कुछ अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत कर रहे थे। ऐसे तत्व सिख भावनाओं को कमजोर कर सिख इतिहास को निशाने पर ले रहे थे। सिख निशान उन्हें चुभ रहा था। जत्थेदार ने कहा–इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ तो करनी बनती है।

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