ग्वालियर, 14 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 नवंबर को भोपाल में प्रस्तावित जनजातीय गौरव दिवस आयोजन में आने को लेकर चल रही सियासी रस्साकसी में शनिवार को ग्वालियर आई मंत्री ऊषा ठाकुर के बाद रविवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कूद पड़े। इस आयोजन को कांग्रेस ने भाजपा की वोट-बैंक लुभावन राजनीति कहा। संवाद माध्यमों ने इस पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जवाब मांगा तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा–भारतीय जनता पार्टी वोट बैंक की राजनीति नहीं करती। जो दल इस तरह की चर्चा करते हैं वह स्वयं सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं। नरेंद्र सिंह तोमर–बलिदानों को सम्मान देना वोटो की राजनीति कैसे….
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस के आरोपों के जवाब में आक्रमण करते हुए कहा–देश इस बात का साक्षी है कि हमारे अनेक जनजातीय बंधुओं ने आजादी के प्रथम औऱ द्वितीय स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करते हुए देश को आजाद कराने के लिए बराबरी के साथ बलिदान दिए हैं। उन्होंने स्मरण कराया कि गोंडवाना क्षेत्र में रघुनाथ राव, शंकर शाह औऱ रानी दुर्गावती, मालवा में भील क्रांतिकारी टंट्या मामा और झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान को सम्मान देना कहां की राजनीति है।
अमर शहीद बरसा मुंडा की जयंतो हम हर साल मनाएंगे जनजातीय गौरव दिवस
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आजादी के वर्षों बाद रघुनाथ राव और शंकर शाह और रानी दुर्गावती जी की प्रतिमा जबलपुर में स्थापित की और उनकी स्मृति में आयोजन शुरू कराए। भील क्रांतिकारी टंट्या मामा की स्मृतियों को अक्षण्ण बनाए रखने के लिए भी काम किया। भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान जनजातीय बन्धुओं के लिए मिसाल है, वह उन्हें आईकॉन मानते हैं। उनके जन्मदिन 15 नवंबर को केंद्रीय मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया है। अब हर वर्ष केंद्र व राज्य सरकारें 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस मनाएंगी। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से उन सबका स्मरण करना जिन्होंने इस वतन को आजाद कराने में अपने प्राणों का बलिदान किया, कहां से वोटों की रजानीति है?