श्रीगनर, 07 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर श्रीनगर के सफाकदल इलाके में गवर्नमेंट ब्यॉज हायर सेकेंडरी स्कूल के अंदर घुसकर आतंकियों ने दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी। इनकी पहचान स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के ईदगाह इलाके में स्कूल के अंदर घुसकर आतंकियों ने शिक्षकों पर लगातार फायरिंग कर दी। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि घाटी में जो आम नागरिकों पर हमले हो रहे हैं वो पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए किए जा रहे हैं। बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया जा रहा है ताकि लोगों का आपस में भाईचारा खत्म हो सके। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का दुख है कि लगातार इस तरह के हमले हो रहे हैं। डीजीपी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस इन हमलों को अंजाम देने वालों की तलाश में जुटी है।
अब कश्मीर में सिर्फ गैर-मुस्लिम फिर आतंकियों के निशाने पर
जम्मू-कश्मीर में बाहरी आतंकवादी घुसपैठियों के ताबड़तोड़ मौत के घाट उतारे जाने से हतोत्साहित होकर घाटी में पहले से ही शरण पाए आतंकी आम लोगों निशाना बनाने में जुट गए हैं। विगत दिनों एक कश्मीरी पंडित सहित तीन लोगों की हत्या के बाद एक बार फिर आतंकियों ने दो शिक्षकों की हत्या कर दी, जिसमें एक हिंदू और एक सिख है। आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह इलाके में स्थित एक स्कूल में शिक्षकों को लाइन में खड़ा कर पहचान करने के बाद दो गैर-मुस्लिम शिक्षकों की हत्या कर दी।
पंक्तिबद्ध किया स्टाफ, पहचान जानी, फिर मार दिए गैर-मुस्लिम
वरिष्ठ पत्रकार और कश्मीरी पंडित आदित्यराज कौल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के हवाले से ट्वीट कर बताया कि आतंकियों ने श्रीनगर के सफाकदल हायर सेकेंडरी स्कूल के सभी शिक्षकों को पंक्तिबद्ध खड़ा किया, और सबके पहचान-पत्र एवं मोबाइल फोन की जाँच की। आतंकियों ने उनसे पूछताछ के बाद सभी मुस्लमों को छोड़ सिख प्राचार्य सतिंदर कौर और हिंदू कश्मीरी पंडित शिक्षक दीपक चंद की गोली मारकर हत्या कर दी। मारे गए दोनों शिक्षक अलोचीबाग के रहने वाले थे। सूत्रों के अनुसार आतंकी पहले से ही घात लगाकर छिपे हुए थे, जैसे ही स्कूल खोलने के लिए प्राचार्य व शिक्षक वहाँ पहुँचे, आतंकी अचानक स्कूल में घुस गए।
पाक समर्थित TRF ने ली टारगेट-किलिंग की जिम्मेदारी, धमकाया–CCTV कैमरे हटाएं दुकानदार
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम के एक संगठन की ओर से गुरुवार (7 अक्टूबर 2021) को एक पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि शहीद गाजी स्क्वैड (टीआरएफ) ने इस ‘टारगेट किलिंग’ को अंजाम दिया है। पत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि मारे गए शिक्षकों ने विद्यार्थियों के माता-पिता को प्रताड़ित कर उन्हें धमकाया था कि अगर उनके बच्चे 15 अगस्त के उत्सव में शामिल नहीं होते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। TRF ने पत्र में उन घरों और दुकानदारों को धमकी दी है जिन्होंने CCTV कैमरे लगाए हैं। आतंकियों ने लिखा है कि CCTV कैमरे नहीं हटाए गए तो संबंधित लोगों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
वापसी कर रहे कश्मीरी पंडितों को डराने की है साजिश, सरकार कब्जाई गई संपत्ति दिला रही वापस
विगत तीन दिनों में घाटी में पाँच नागरिकों की हत्या हुई है। इसमें से 4 गैर-मुस्लिम हैं। माना जा रहा है कि इस तरह के हमलों का मकसद गैर-मुस्लिमों को डराना है, ताकि कश्मीरी पंडित घाटी में बसने के लिए तैयार न हों और जो गैर-मुस्लिम घाटी में हैं, सब डरकर भाग जाएँ।
- गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार (5 अक्टूबर 2021) को आतंकियों ने अलग-अलग हमलों में तीन आम नागरिकों की हत्या कर दी थी। मारे गए लोगों में से एक कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंदरू श्रीनगर के प्रसिद्ध दवा कारोबारी थे। आतंकियों ने दुकान में घुसकर उन्हें गोली मारी थी।
- दूसरी घटना में श्रीनगर के लाल बाजार इलाके में शाम के करीब साढ़े आठ बजे बिहार के गोलगप्पा बेचने वाले व्यक्ति की हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, श्रीनगर के मदीन साहब लालबाजार के पास आतंकियों द्वारा मारे गए शख्स की पहचान वीरेंद्र पासवान के तौर पर हुई है। वे बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे।
- तीसरी घटना कश्मीर के बांदीपोरा के शाहगुंड इलाके में हुई थी, जिसमें नायदखाई निवासी मोहम्मद शफी लोन की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
हथियारों की कमी की भरपाई पिस्टल-किलिंग से, ड्रोन से गिराए पिस्टल-कारतूस
जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पिस्टल-किलिंग के कई उद्देश्य हैं। दरअसल पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के बीच से घाटी में नई तंजीमें खड़ी की जा रही हैं। आतंकियों के पास बड़े हथियार जैसे AK-47 और कारतूसों का अभाव हो गया है। सीमा पार से आने वाले आतंकी एलओसी पर ही मारे जा रहे हैं। इसलिए सीमापार पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के जरिए पिस्टल-कारतूस गिराए जा रहे हैं। घाटी में पहले से मौजूद ओवर-ग्राउंड व अंडर-ग्राउंड वर्कर पिस्टल से नागरिकों को मार रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल ने सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चार पिस्टल व गोलाबारूद बरामद किए हैं।
सीमा पर ‘सीज फायर‘ का दिखावा, आतंकियों का ‘सपोर्ट-सिस्टम‘ कायम
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां पाकिस्तान हावी होना चाह रहा है। जबकि दुनिया को दिकाने के लिए भारत के साथ पाकिस्तान सीमा पर ‘सीज फायर’ घोषित कर रखा है। खास बात यह है कि दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान ने सीमा पार गोलीबारी बंद कर दी है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए ‘सपोर्ट सिस्टम’ सक्रिय रखा है। ड्रोन से हथियार पहुंचाने के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर विस्फोट किया गया। आर्मी परिसरों को निशाना बनाने का प्रयास भी हुआ।
सीमा पर ही ढेर हो रहे घुसपैठिये, हताश आतंकियों ने शुरू किया पिस्टल-किलिंग
सुरक्षा विशेषज्ञ अनिल गौर के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ का प्रयास हो रहा है, लेकिन अधिकांश आतंकी सीमा पर ही मारे जा रहे हैं। भारतीय सेना से हताश पाकिस्तान ने अब घाटी में नया गेम शुरू कर दिया है। उसने अपने सभी अंडर ग्राउंड-ओवर ग्राउंड वर्कर सक्रिय कर दिए हैं। इन्हें पड़ोसी मुल्क की तरफ से हर तरह की सहायता मिल रही है।
कब्जे हटाने की मुहिम से झल्लाई पाक एजेंसी ISI मुस्लिमों को भड़काने में जुटी
सरकार ने कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों से कब्जे हटाने कर वापस आरहे परिवारों को बसाने का अभियान शुरू किया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘ISI’ इसे मुस्लिमों के खिलाफ मुहिम बता कर स्थानीय मुस्लिमों को भड़का रही है। ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के साथ पाकिस्तान के दूसरे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आदि भी संगठित हैं। पाकिस्तान का मकसद है कि घाटी में अब रेंडम-किलिंग कराई जाए। सुरक्षा बलों की जगह अब निर्दोष लोगों की हत्याएं की जाने लगी हैं। इस तरह आतंकी वापसी कर रहे कश्मीरी पंडितों को खौफ में लाना चाहते हैं।