ग्वालियर, 13 सितंबर। शहर के सटे तिघरा के दुगनावली गांव में अज्ञात बदमाशों ने मूर्तियों के नीचे वर्षों पुराना खजाने की तलाश में मंदिर खोद डाला। दोनों पुजारियों को पांच घंटे तक बंधक बनाकर पूरा 10-12 बदमाशों ने मंदिर खुदाई के दौरान विरोध करने पर 10-12 घूंसों से एक पुजारी के दांत तोड़ डाले। खुदाई में कुछ नहीं मिला तो बदमाश पुजारी से पांच हजार रुपए लूट कर भाग गए। घटना शनिवार-रविवार दरमियानी रात तिघरा के दुगनावली गांव स्थित काली मंदिर की है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मंदिर की स्थिति देख पुजारियों को मुक्त कराया। पुलिस ने लूट का मामला दर्ज कर लिया है। मंदिर से 3-4 मूर्तियां भी गायब हैं। ख़जाना खोदने मंदिर में घुसे बदमाश, मंदिर खोद डाला, कुछ नहीं मिला तो लूटे 5 हजार….

तिघरा में पंचा का पुरा निवासी कप्तान भगत पास ही दुगनावली काली माता मंदिर में पुजारी हैं। उनके साथ मुंशी भगत भी मंदिर में ही रहते हैं। शनिवार रात दोनों मंदिर में ही सो रहे थे। बताया जाता है कि काली माता का मंदिर काफी प्राचीन है, आसपास के कई गांवों में अफवाह है कि मंदिर में जहां मूर्तियां स्थापित हैं, वहां खजाना छिपा है। इसी सिलसिले में शनिवार-रविवार दरमियानी रात 12 बजे करीब 10-12 बदमाश मंदिर में घुसे। बदमाशों ने पुजारी कप्तान और मुंशी भगत को बंधक बना लिया। इसके बाद मंदिर में खुदाई शुरू कर दी। जहां-जहां मूर्तियां स्थापित थीं, वहां बदमाशों ने करीब 3 से 4 फीट तक खुदाई की। करीब 5 घंटे तक खुदाई के बाद भी जब कुछ नहीं मिला, तो उन्होंने गुस्से में सुबह पुजारी की जेब में रखे पांच हजार रुपए लूटे और भाग गए। इस दौरान मुंशी भगत ने विरोध किया तो मार-पीट की जिससे उनके दो दांत तोड़ दिए।

सुबह गांव वालों ने पुजारियों को किया आजाद, 4 मूर्तियां मिलीं गायब

रविवार सुबह जब गांव के लोग मंदिर पहुंचे, तो हैरान रह गए। मूर्तियों के पास गड्‌ढे खुदे पड़े थे, अंदर पहुंचे, तो दोनों पुजारी बंधे पड़े थे। पहले लोगों ने पुजारियों को मुक्त कराया औऱ तिघरा पुलिस थाने को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची जांच शुरू कर दी। मंदिर से चार मूर्ति भी गायब हैं।आरोपी मूर्ति चोरी कर ले गए या फिर मिट्टी में दब गईं। मूर्तियों का पता लगाने के लिए ग्रामीण मिट्टी को गड्ढे में भरने में लग गए।

सामान्य कद-काठी के मुंह बांधे 10-12 बदमाशों ने की मंदिर में खुदाई

पुजारियों के अनुसार बदमाश की संख्या 10-12 थी सभी की आयु 30-40 वर्ष के आसपास रही होगी। सामान्य कद-काठी के सभी बदमाशों ने चेहरे साफी से ढंके हुए थे। आसपास के ही गांवों की बोली बोल रहे थे।

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