ग्वालियर, 08 सितंबर। मुरार में हुए तिहरे हत्याकांड का पुलिस ने 72 घंटे में ही खुलासा कर दिया है। मृतक के साढू का बेटा ही हत्याकांड का मास्टरमाइंड निकला, वह चोरी अथवा लूट के इरादे से मौसा के घर में अपने मित्र के साथ घुसा था। इस दौरान जिसकी नींद खुलती गई उसे वह मारते गए। पुलिस ने आरोपी सचिन पाल और तरुण उर्फ घोड़ा पुलिस की गिरफ्त में आ गए है, उन्होंने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार वारदात में आरोपी करीब आठ लाख रुपए के आभूषण व नगदी ले गए थे। पुलिस ने लूट का माल बरामद कर वारदात में प्रयुक्त हथियार जब्त कर लिए हैं। तिहरे हत्याकांड को चुनौती के तौर पर लिया और 72घंटे में हो गया खुलासा…

शहर के मुरार उपनगर में अल्पना टॉकीज के पास एक घर में तीन लोगों के शव पड़े मिले थे। शव घर के मालिक 60 वर्षीय जगदीश पाल  उनकी 55 वर्षीय पत्नी सरोज और गोद ली गई बेटी 13 वर्षीय कृति के बताए गए थे। सरोज का शव बेड पर, कृति का बेड के नीचे फर्श पर बिछे बिस्तर पर और जगदीश का शव कुछ दूरी पर जमीन पर पड़ा मिला था। घर के ताले टूटे पड़े हुए थे, इस तिहरे हत्याकांड से इलाके में सनसनी फैल गई थी। हत्या के बाद पुलिस काफी हाथ पैर मार रही थी। तभी घटना स्थल के पास रहने वाले एक पड़ोसी ने पुलिस को आसान का क्लू दिया। उसने बताया कि मृतक के घर के सामने ही उसका साढू रहता है। साढू तो दिख रहा है, लेकिन उसका बेटा सचिन इतने बड़े हत्याकांड के बाद भी नजर नहीं आ रहा है।

सचिन और उसे दोस्त पहले भी पकड़े गए थे लूट-चोरी की वारदात में

पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने इस हत्याकांड की जांच ASP राजेश दंडौतिया और CSP रत्नेश तोमर को सौंपी। रत्नेश तोमर मुरार पुलिस थाने के TI थे उस समय सचिन चोरी-लूट की एक वारदात में पकड़ा गया था। रत्नेश तोमर ने उसके पुराने नेटवर्क को खंगाला तो पता लगा कि कुछ दिन से सचिन की नजदीकी गोहद निवासी मोनू और जनकगंज निवासी तरुण उर्फ घोड़ा के साथ हैं। रत्नेश को पता चला कि घोड़ा शातिर चोर है। पुलिस की तलाश में मोनू और घोड़ा भी घरों से गायब मिले। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी की और बुधवार सुबह गिरवाई से तरुण उर्फ घोड़ा पुलिस के हाथ लग गया। पुलिस के फंदे में आते ही तरुण उर्फ घोड़ा ने सब कुछ उगल दिया और उसकी निशानदेही पर सचिन को डबरा तिराहा झांसी बायपास रोड़ से गिरफ्तार कर लिया।

चोरी के इरादे से घुसे थे, पहले मौसी जागी, फिर मौसा व बहन, सबको मार डाला

घोड़ा ने पुलिस को बताया कि वारदात की रणनीति जगदीश पाल के भतीजे सचिन पाल ने ही बनाई थी। घोड़ा ने बताया कि शनिवार-रविवार दरमियानी रात चोरी के इरादे से ही घर में पीछे के रास्ते से दाखिल हुए थे। इस दौरान सबसे पहले मौसी सरोज की नींद खुली। उसे चाकू से मार दिया। इसके बाद मौसा जगदीश और बहन कृति की नींद खुल गई, दोनों की बारी-बारी से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद करीब आठ लाख रुपए के जेवरात व ब्याज वसूली की रकम लेकर सब फ़रार हो गए। लूट के माल में दो किलो चांदी, चार तोला सोना और र्39 हजार की नगदी शामिल है। पुलिस ने आरोपपियों के कब्जे से एक 315 बोर का कट्टा, एक जिंदा कारतूस और एक चाकू व लूट का माल बरामद कर लिया है।  

सचिन को आया था मौसा के पैसे देख लालच, रैकी कर दिया वारदात को अंजाम

जगदीश पाल के घर के सामने ही साढ़ू का परिवार रहता था। सचिन का मौसी के घर स्वाभाविक तौर पर अक्सर आता-जाता था। घर में ब्याज वसूली की रकम और जेवरात देख उसके मन में लालच आ गया। उसने पहले खुद रैकी की औऱ देखा कि मंदिर के रास्ते से जगदीश पाल के घर में पीछे से दाखिल हुआ जा सकता था। सारी योजना बना कर उसने दोस्त तरुण को शामिल किया और बुधवार रात वारदात को अंजाम दे अल सुबह 4:30 बजे सभी बाहर निकल गए।  

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