ख़बर ख़बरों की डेस्क, 09 सितंबर। पाकिस्तान के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से 40 किलोमीटर की दूरी पर देश की वायुसेना ने नौ सितंबर गुरुवार को इतिहास रच दिया। राजस्थान के बाड़मेर में बने नेशनल हाइवे पर बने इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ELF) का केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुभारंभ किया। दोनों केंद्रीय मंत्री NH-925-A की तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी पर हरक्युलस विमान से उतरे।
शुभारंभ के बाद वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई, जगुआर और हरक्यूलिस ने आसमान में अपना दम दिखाया और फिर राजमार्ग पर उतर कर भी अपनी दमख़म दिखाई। भारत-पाक सीमा से महज 40 किमी दूरी पर बाड़मेर-जालोर बॉर्डर के अड़गावा में बनी इमरजेंसी राजमार्ग हवाई पट्टी के शुभारंभ के लिए दोनों केंद्रीय मंत्री एक साथ दिल्ली से हरक्यूलिस विमान में सवार होकर बाड़मेर पहुंचे। आपात लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। पहले सड़क पर वाहन चला करते थे, लेकिन 21वीं सदी में सड़क पर भी विमान उतरेंगे। भारत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
24 माह का लक्ष्य, मात्र 19 महीनों में तैयार हो गया राजमार्ग ELF
राजमार्ग पर विमान उतारने से पहले बुधवार को वायुसेना ने यहां पहली रिहर्सल की, इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस दौरान SU-30 MKI, सुपर हरक्यूलिस और जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया। बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की लंबाई तीन किमी. और 33 मीटर चौड़ी है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर पार्किंग भी बनाई गई हैं, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके। एयर ट्रैफिक कंट्रोल की इमारत भी बनाई गई है।
भारतमाला परियोजना के तहत 12 राजमार्ग ELF हो रहे तैयार
रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके।रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस तरह की एयर स्ट्रिप्स को सुरक्षा के लिहाज से अहम बताया। राजनाथ सिंह बोले–आपने सड़क पर ट्रैक्टर, बैलगाड़ी चलते हुए देखे होंगे और अब आप सड़क पर विमान उतरते हुए देख रहे हैं। इंटरनेशनल बॉर्डर से कुछ ही दूर ऐसी स्ट्रिप का तैयार होना ये साबित करता है कि हम अपनी रक्षा के लिए तैयार हैं और सक्षम हैं। हम एक भारत और सशक्त भारत की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं।
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना की समग्र ताकत को बढ़ाने के लिए विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इन देशों में भी हैं हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्टी
- जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विटजरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं।
- भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। जबकि, आंध्र प्रदेश में ऐसी दो, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है।
- उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।