ग्वालियर, 06 सितंबर। पति का घर छोड़ सात साल पूर्व बेटी-बेटा के साथ लापता हुई 35 वर्षीय महिला पुलिस को UP के वृंदावन में मिली। प्रेमी पहले से विवाहित और चार बेटियों का पिता है। वह सात साल तक 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन प्रेमिका के साथ रह कर संबंधों पहली पत्नी से छिपाए रहा। बेचारा पिता सात साल तक बेटी-बेचा को पाने की उम्मीद में जुटा रहा, बच्चे मिले तो पत्नी ने बच्चों के साथ वापस आने से मना कर दिया।

पति जयपुर कॉलसेंटर में काम करने गया, पत्नी बच्चों को ले प्रेमी संग हुई गायब

राजस्थान के जयपुर में एक कॉलसेंटर में काम करने वाला जितेंद्र सिंह कुशवाह चंदनपुरा में नाथू सिंह कुशवाह के मकान में किराए से रहता है। उसका विवाह शादी 15 वर्ष पूर्व सबलगढ़ निवासी सुधा जादौन से हुई थी। जितेंद्र कुछ दिनों तक सबलगढ़ में सुनील जादौन के मकान में पत्नी के साथ किराए पर रहा था। विवाह के एक वर्ष बाद सुधा ने बेटी दिव्या को जन्म दिया था और अगले साल बेटा मंगल का जन्म हुआ। इसके बाद जितेन्द्र बच्चों की पढ़ाई के उद्देश्य से परिवार  ग्वालियर आ गया और चंदनपुरा में नाथू सिंह के मकान में किराए से रहने लगा। नौकरी के कारण जितेंद्र जयपुर चला गया और पत्नी को बच्चों के साथ ग्वालियर में रखा।

इस दौरान जितेंद्र का जयपुर-ग्वालियर आना-जाना लगा रहा। सुधा ने सुनील के जयपुर में रहने का लाभ लेकर 22-23 मार्च 2014 की दरमियानी रात सुधा दोनों बच्चों के साथ लापता हो गई। उस समय बेटी दिव्या सात और बेटा मंगल छह वर्ष का था। मकान मालिक ने बताया कि सुधा और बच्चे घर में नहीं हैं तो जितेंद्र जयपुर से लौटकर आया, उसने ससुराल, मायके सभी जगह रिश्तेदारों से मिलकर छानबीन की, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। परिजन ने सबलगढ़ के पुराने मकान मालिक पर संदेह भी जताया, लेकिन हजीरा पुलिस उससे कुछ उगलवा नहीं सकी।

जांच दोबारा शुरू हुई तो प्रेमी के कॉल-डिटेल्स से खुल गया 7 साल पुराना रहस्य

पुलिस तो शांत हो कर बैठ गई लेकिन जितेंद्र बच्चों को पाने की उम्मीद में जुटा रहा। हाल ही में CSP महाराजपुरा रवि भदौरिया ने इस गुमशुदगी की जांच ASI शैलेन्द्र सिंह चौहान को दी। चौहान ने फिर से रजिस्टर खंगाले और संदेही सुनील जादौन को दोबारा ट्रेस किया, लेकिन उसका उसका बयान वही बना रहा–उसे इस मामले में कुछ नहीं पता। वह अपनी पत्नी और चार बेटियों के साथ सबलगढ़ में रहता है और खुश है। शैलेंद्र चौहान इससे संतुष्ट नहीं हुए, सुनील की कॉल-डिटेल्स निकालीं तो दो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पहली-लोकेशन अक्सर 15 दिन वृंदावन में मिल रही थी, दूसरी-लोकेशन सबलगढ़ होने पर एक विशेष नंबर पर लगातार बात हो रही थी। छानबीन करते हुए ASI चौहान वृंदावन जा पहुंचे और मामले का खुलासा हो गया। सुधा अपने बच्चों के नाम बदलकर वृंदावन में रह रही थी। उसने आधारकार्ड में अपने पति और बच्चों के पिता का नाम सुनील जादौन करवा लिया था।

मकान मालिक से बढ़ गई थी नव-विवाहिता की नज़दीकियां

जब पुलिस सुधा जादौन के पास पहुंची तो देखा कि उसका रहन-सहन बदला हुआ था। उसने पुलिस से ग्वालियर जाने से मना कर दिया। सुधा ने पुलिस को बताया कि सबलगढ़ में मकान मालिक सुनील जादौन से उसकी दोस्ती पति जितेंद्र की अनुपस्थिति में गहरी हो गई थी, दोनों के नाजायज संबंध भी बन गए थे। इसके बाद वह ग्वालियर आ गई। पति को उसके हाव भाव देख कर चरित्र पर संदेह हो गया था और वर सुनील के नाम पर प्रताड़ित करने लगा था। अंततः सुधा ने  हमेशा के लिए जितेंद्र को छोड़कर सुनील के साथ रहने का निर्णय लिया और बच्चों को लेकर वृंदावन आ गई। वृंदावन में उसन प्रेमी सुनील जादौन से शादी कर ली। सुधा ने बताया कि सुनील 15 दिन उसके साथ और 15 दिन अपनी पत्नी के साथ रहने लगा था। सुनील की पत्नी को भी पति की दूसरी शादी की भनक नहीं लगी। सुनील व्यापार के बहाने वृंदावन आकर सुधा के साथ रहता था। सुधा ने आधार कार्ड पर पति का नाम जितेन्द्र की जगह सुनील लिखवा लिया। बेटी दिव्या का नाम बदलकर अर्पणा और बेटे का नाम मंगल से बदलकर बलजीत सिंह कर लिया है। बचपन से ही सुनील को पिता के रूप में देखते आ रहे बच्चे उसी को असली पिता मानते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *