ग्वालियर, 08 अगस्त। अंचल में बाढ़ की विभीषिका झेल रही जनता की सुध लेने में प्रशासन की संवेदनहीनता से उपजा आक्रोश श्योपुर में जब कीचड़ बन कर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की कार पर गिरा तो प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक शल्य-क्रिया प्रारंभ कर दी है। पहली बड़ी कार्रवाई की गाज श्योपुर के कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव और एसपी संपत उपाध्याय पर गिरी, उन्हें रविवार को हटा दिया गया है। मंत्री कार पर कीचड़ फिंका तब समझ में आया तबाही का आक्रोश, हटाए गए कलेक्टर-एसपी….
श्योपुर के नए कलेक्टर 2013 बैच के IAS शिवम वर्मा होंगे। शिवम वर्मा अभी ग्वालियर नगर निगम में आयुक्त हैं। श्योपुर का नया एसपी अनुराग सुजानिया को बनाया गया है। रविवार को सामान्य प्रशासन विभाग से जारी सूची में श्योपुर कलेक्टर के तबादला कर उनको उप सचिव मध्य प्रदेश शासन बनाया गया है, जबकि संपत उपाध्याय को पुलिस मुख्यालय भोपाल AIG बनाकर भेजा गया है। रविवार सुबह भोपाल से तबादला के आदेश जारी हो गए हैं। जिन जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है अभी वहां इस तरह की और भी कार्रवाई के संकेत हैं।
बाढ़ की तबाही की अधिकारियों ने की अनदेखी, मंत्री पर फूटा गुस्सा
अंचल में बाढ़ की तबाही का आरंभ श्योपुर जिले से हुआ था। यहां दो मंजिले मकान तक पानी में डूब गए थे। इसके बाद बाढ़ और उफनती नदियों ने शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया और भिंड के कुछ गांवो में तबाही मचाई। बाढ़ आने के छह दिन बाद भी श्योपुर में स्थिति बेहद खराब है। यहां खाने-पीने के लिए भी नागरिक परेशान हो रहे हैं। शनिवार को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर हालात का जायज़ा लेने श्योपुर पहुंचे तब भी प्रशासनिक और पुलिस की लापरवाही उजागर हुई थी। प्रशासन की संवेदनहीनता का आक्रोश केन्द्रीय मंत्री पर फूट पड़ा था, गुस्साए लोगों ने मंत्री की गाड़ी तक पर कीचड़ फेंक दिया था। नागरिकों के गुस्से का मुख्य कारण जिला प्रशासन ने बाढ़ की सूचना समय रहते नहीं देना था। उनके मुताबिक इसी कराण ज्यादा नुकसान हुआ। नियमानुसार प्रशासन को मुनादी कराना चाहिए थी। बाढ़ आने के बाद बिजली काट दी गई, संचार सेवाएं भी बंद कर दी गईं। अचानक आई इतनी बड़ी मुसीबत के लिए कोई तैयार नहीं था।