ग्वालियर, 05 अगस्त। बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज में गलत तरीके से पीएमटी की परीक्षा पास करके एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाली तीन युवतियों के मामले की सुनवाई अब जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में होगी। ज्ञातव्य है कि युवतियों ने 2011 में पीएमटी परीक्षा के दौरान स्वयं को नाबालिग बताया था।

सीबीआई की विशेष कोर्ट में इन युवतियों ने सबूत के तौर पर अपनी मार्कशीट और गवाह भी पेश किए। जिस पर नियमानुसार अपराध के समय उनकी नाबालिग उम्र को देखते हुए अब यह मामला बाल कल्याण कोर्ट में भेजा गया है। वहां सीबीआई अपने अधिवक्ता के जरिए अभियोजन के पक्ष में पैरवी करेगी।

भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज में प्रबंधन और व्यापम की मिलीभगत के चलते 60 से ज्यादा विद्यार्थियों ने गलत तरीके से एमबीबीएस में प्रवेश लिया था। यह सभी मामले ग्वालियर जिला न्यायालय के सीबीआई विशेष न्यायालय में चल रहे हैं। अधिकांश आरोपी इस समय जमानत पर है और ट्रायल भी शुरू हो चुकी है।

दावा–आरोप लगे तब नाबालिग थीं, अब किशोर न्यायालय में होगी सुनवाई

भोपाल निवासी तीन आरोपियों ने दावा किया है कि 2011 में वह नाबालिग थीं, लिहाजा उनकी अपील है कि सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में की जाए। इस संबंध में लड़कियों ने अपने विद्यालय के दस्तावेज और गवाह भी पेश किए थे। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए इन मामलों को जूविनाइल जस्टिस कोर्ट में भेजने के निर्देश दिए हैं।

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