ग्वालियर, 28 जुलाई। केंद्र सरकार द्वारा शासकीय उपक्रमों के निजीकरण की नीति के प्रति LIC के अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी/अधिकारी कल्याण संघ ने विरोध जताया है। मंगलवार को ग्वालियर आए संघ के महासचिव केपी चौधरी ने इसे आरक्षण समाप्त करने का षडयंत्र क़रार दिया है। हालांकि चौधरी ने निजीकरण से सेवा-उपक्रमों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी से ग्राहकों के होने वाले फायदे पर कोई टिप्पणी नहीं की।
भारतीय जीवन बीमा निगम के अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी/अधिकारी कल्याण संघ के महासचिव केपी चौधरी ने मंगलवार को ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित LIC भवन में आयोजित संगोष्ठी में हिस्सा लिया। उन्होंने बैंक व LIC समेत दूसरे उपक्रम के निजीकरण का विरोध किया है। चौधरी के मुताबिक इससे समाज के कमजोर वर्गों को मिल रहे आरक्षण का अधिकार पर विपरीत असर पड़ेगा। चौधरी ने सरकार से निजी संस्थानों में भी सरकारी उपक्रमों की तरह आरक्षण लागू कराए जाने की भी मांग की। ग्वालियर के कर्मचारी/अधिकारियों ने केपी चौधरी को संघ के नाम र्10 लाख का चैक भी सौंपा ताकि दिल्ली में संघ के द्वारा बनाए जा रहे अंबेडकर भवन की परियोजना को मदद मिल के।