ग्वालियर, 28 जुलाई। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने बहुचर्चित रेमदेसीविर इंजेक्शन कालाबाजारी केस में मैक्स मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के कर्मचारी रवि रजक पर संस्तुत राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्यवाही को निरस्त कर दिया है। स्मरण हो कि तीन माह पूर्व कोरोना महामारी के दूसरी लहर के दौरान हुई रेमदेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के संबंध में मैक्स मल्टी केयर हॉस्पिटल के कर्मचारी रवि रजक के विरुद्ध ग्वालियर के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रासुका लगाई थी।

दरअसल उस समय कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा सामने आ रहे थे। लोगों को ऑक्सीजन और रेमदेसीविर इंजेक्शन को लेकर परेशान होना पड़ रहा था। इंजेक्शन की वितरण व्यवस्था कलेक्टर को अपने हाथ में लेनी पड़ा थी। इसी बीच नाका चंद्रबदनी स्थित मैक्स मल्टी केयर हॉस्पिटल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और पुलिस की छापामार कार्रवाई हुई थी जिसमें रेमदेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ी गई थी। इसमें मुख्य आरोपी के रूप में रवि रजक का नाम आया था, उसके विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कलेक्टर ने कार्रवाई तो की थी, लेकिन अनावेदक रवि रजक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया था। जबकि, नियमानुसार जिसके विरुद्ध NSA की कार्यवाही संस्तुत की जाती है उसे अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए।

सुनवाई के दौरान एनएसए की कार्यवाही के विरुद्ध राज्य शासन में अपील करने आदेश हुए थे। इसी आधार पर आरोपी रवि रजक के अधिवक्ता विजय जादौन ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश को इसी आधार पर निरस्त कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *