ग्वालियर, 22 जुलाई। गरीब ऑटो चालक प्रतिदिन ऑटो-रिक्शा किराए पर लेकर दो पैसे कमाता है, उसमें से किराया भी चुकाता है। कभी-कभी दो जून की रोटी भी जुगाड़ नहीं हो पाती, लेकिन उसे पसीने की कमाई पर ही भरोसा है, किसी तरह का लालच औऱ बेईमानी उसे छूकर भी नहीं गई है। कई बार वह ऑटो में छूटा सामान असली हकदार को लौटा चुका है। उसे उल्टे तरीकों से कमाई का रत्ती भर चाव नहीं है। ग्वालियर के ऑटो चालक महेश अहिरवार ऐसे ही हैं, सोमवार को महेश ने लाखों के जेवरात और नगदी से भरा बैग लौटाया तो पुलिस कप्तान भी उसकी तारीफ कर उठे। ऑटोरिक्शा में यात्री का छूटा बैग, चालक ने ईमानदारी से पुलिस को लौटाया….

प्रतिदिन की तरह महेश सोमवार को भी ऑटो-रिक्शा किराए पर लेकर आया था। यात्रियों की तलाश में महेश अंतर्राज्यीय बस स्थानक पर इंतजार कर रहा था।  तभी युवक-युवती ने शिंदे की छावनी के लिए ऑटो-रिक्शा किराए पर लिया। महेश ने उन्हें गंतव्य पर छोड़ा और वापस चला आया। वह दूसरे यात्री को लेकर जाने लगा, तभी नज़र सीट पर रखे एक बैग पर पड़ी। ऑटो में सवार यात्री ने भी महेश से उस बैग के बारे में पूछा, टालने के लिए महेश ने कहा–बैग उसके बड़े भाई का है।

दूसरे यात्री को भी उसके गंतव्य पर उतार कर महेश ने बैग के मालिक की खोजबीन शुरू कर दी। वह वापस शिंदे की छावनी पर उसी जगह पहुंचा जहां से पहली बार यात्री मिले थे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार महेश ने पुलिस कंट्रोल रूम जाकर यह बैग जमा करा दिया। इस बीच बैग के असली मालिक युवक-युवती ने भी एसपी व पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने बैग असली हकदार को सौंप दिया। युवक-युवती ने बताया कि बैग में युवती के शैक्षणिक और दूसरे शासकीय दस्तावेज रखे हुए थे। इसके साथ ही हजारों रुपए की नगदी एवं सोने-चांदी के जेवरात भी बैग में थे।

पुलिस अफसरों ने ईमानदार ऑटो-रिक्शा चालक का किया सम्मान

बुधवार को ग्वालियर रेंज के डीआईजी राजेश हिंगणकर और पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने महेश अहिरवार का पुलिस कंट्रोल रूम में स्वागत करते हुए उसकी ईमानदारी व निर्लोभ परिश्रम की भरपूर प्रशंसा की। पुलिस अफसरों के अनुसार ऑटो-रिक्शा चालक महेश कुमार इससे पहले पांच बार यात्रियों के छोड़े गए सामान को वापस कर चुके हैं।

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