ख़बर ख़बरों की डेस्क, 15 जुलाई। NASA ने एक अध्ययन में चेतावनी दी है कि 2030 के दशक के मध्य तक समुद्र तटीय इलाकों में बाढ़ तबाही मचा देगी। एक अध्ययन के मुताबिक इस दौरान बाढ़ के उपद्रव की स्थिति लगातार बनती रहेगी और अचानक से अनियमित हो जाएगी। अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिकी तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें अपनी सामान्य ऊंचाई के मुकाबले तीन से चार फीट ऊंची उठेंगी और ये सिलसिला लगभग नौ वर्षों तक जारी रहेगा। अध्ययन के अनुसार सिर्फ कुछ महीनों में ही ऐसी स्थिति बनेगी।

समुद्र तटीय इलाकों में मचेगी भारी तबाही

नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने अपने लेख में कहा–समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ रहा है। बार-बार बाढ़ आने से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं और ये मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि अपनी कक्षा में चांद के लड़खड़ाने से गुरुत्वीय खिंचाव, बढ़ता समुद्रीय जलस्तर और जलवायु परिवर्तन एक साथ मिलकर वैश्विक स्तर पर तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा करेंगे, जिसके चलते भारी तबाही आ सकती है। 

परिभ्रमण करते कक्षा में लड़खड़ाएगा चांद !

यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई में असिस्टेंट प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक फिल थॉम्पसन ने पृथ्वी पर चांद के असर के चलते हुए बाढ़ की स्थिति की चेतावनी देते हुए बताया कि चांद 18.6 साल में अपनी कक्षा में डगमगाता है। इससे पहले यह घटना 1728 में हुई थी। इन दिनों  ग्लोबल वार्मिंग के चलते चांद के लड़खड़ाने से समुद्र में उठने वाला ज्वार बेहद खतरनाक होने लगा है। अमेरिका में 2019 में इस तरह के हालात बने थे।

अब 2030 में बनेगी ऐसी स्थिति

अमेरिकी वैज्ञानिक थॉम्पसन ने बताया कि कि 18.6 सालों में आधे समय तक यानी तकरीबन 9 साल तक पृथ्वी पर समुद्र में ज्वार की ऊंचाई सामान्य तौर पर कम होती है, जबकि भाटे की ऊंचाई सामान्य तौर पर ज्यादा होती है। अगले 9 साल तक इसका उल्टा होता है। नासा के अनुसार अब इस तरह के हालात 2030 के आसपास बनेगें, जिससे सामान्य जिंदगी बुरी तरह प्रभावित होगी। खासतौर पर समुद्र तटीय शहरों में बाढ़ सड़कों और घरों तक पहुंच कर जनजीवन बुरी तरह त्रस्त हो जाएगा।  

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