ग्वालियर, 10 जुलाई। प्रेम संबंधों में बाधक बनी प्रेमी की पत्नी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व बैंक एजेंट ने लगभग 4.5 वर्ष पूर्व जिंदा जला दिया था। पीड़िता 80 फीसदी से भी ज्यादा जली स्थिति में 20 दिन तक अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष करती रही। हालांकि मृत्यु से पूर्व उसने न्यायिक प्रक्रिया के तहत अंतिम बयान दर्ज करा दिया था, यही न्याय का प्रमुख आधार बना। आरोपी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को न्यायालय ने शुक्रवार नौ जुलाई को आजीवन कारावास और दो हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया।

शहर के लधेड़ी इलाके में रहने वाली कैलाशी बाई 28 दिसंबर 2016 को आग से लगभग 80 प्रतिशत झुलसीहुई अवस्था में जयारोग्य अस्पताल के अग्निदग्ध चिकित्सा इकाई में भर्ती कराई गई थी। करीब 20 दिन बाद कैलाशीबाई की मृत्यु हो गई। मृतका के पति ने हत्यारोपिता के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि उसकी पत्नी खाना बनाते समय स्टोव से जल गई है। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और बैंक की कलेक्शन एजेंट निर्मला वर्मा का कोई हाथ नहीं है। किंतु, न्यायिक प्रक्रिया के तहत तहसीलदार के सामने दर्ज हुए मृत्युपूर्व बयान में पीड़िता ने स्पष्ट रूप से  कहा था कि उसे निर्मला वर्मा ने मिट्टी का तेल डालकर आग की लपटों के हवाले किया था।  

अवैध संबंधो में बन रही थी बाधा, प्रेमी की पत्नी पर मिट्टी का तेल उड़ेल जलाया

दरअसल उपनगर ग्वालियर थाना क्षेत्र के लधेड़ी में रहने वाली कैलाशी बाई बाथम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निर्मला वर्मा के बीच अच्छी जान पहचान थी। निर्मला वर्मा बैंक की कलेक्शन एजेंट भी थी, और उसका कैलाशी के घर आना जाना था। इसी दौरान निर्मला के कैलाशी के पति डालचंद से अवैध संबंध बन गए थे। जब यह बात कैलाशी को पता चली तो उसने निर्मला वर्मा को भला बुरा कहा और उसके पति से दूर रहने की चेतावनी दी थी। संबंधों में बाधा बन रही कैलाशी को रास्ते से हटाने के लिए निर्मला वर्मा ने षड़यंत्रपूर्व 28 दिसंबर 2016 को मिट्टी का तेल डालकर कैलाशी बाई को उसके घर में ही आग के हवाले कर दिया था। जयारोग्य चिकित्सालय में 18 जनवरी 2017 को कैलाशी की मौत हो गई। पुलिस ने पहले निर्मला वर्मा के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया था, लेकिन मृत्युपूरव बयान के आधार पर कैलाशी की मृत्यु के बाद  हत्या का मामला  दर्ज किया गया था। आरोपिता निर्मला गिरफ्तारी के बाद से ही कारावास में है, और अब उसे आजीवन कारावास का दण्ड मिला है।

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