आगरा, 10 जुलाई। कैंट थानाक्षेत्र के गुप्तारघाट पर सुनसान इलाके में सरयू स्नान की कोशिश में आगरा के एक ही परिवार के 15 तेज धारा में बह गए। सबसे पहले जूली तेज धारा में बही, फिर उसे बचाने में मची अफरा-तफरी से एक-एक कर दो मासूम समेत 12 लोग नदी की प्रचंड धारा में समा गए। कम पानी में खड़े तीन सदस्यों की चीख-पुकार के बाद शुरू हुए सेना, एनडीआरएफ और पुलिस-पीएसी के रेस्क्यू अभियान में दो लोगों तो जिंदा बचा लिया गया, जबकि छह साल की धैर्या को लहरों के थपेड़ों ने तैराकर किनारे लगा दिया। अब तक छह शव निकाले गए हैं, तीन की तलाश हो रही है। आला अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है और बचाव कार्य में तेजी के निर्देश दिए हैं। इस हादसे में सात की जान चली गई।
सिकंदरा थानाक्षेत्र के शास्त्रीपुरम निवासी अशोक पुत्र नेमीचंद ( 65) अपनी पत्नी राजकुमारी (61) पुत्र ललित (40) व पंकज (25), पुत्री जूली (29) व गौरी (28) समेत अपने शादी-शुदा तीन बेटियों, पांच बच्चों व एक दामाद के साथ शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे थे। दर्शन-पूजन के बाद शनिवार सुबह रामनगरी के नया घाट से एक स्टीमर पांच हजार में बुक करके करीब 12 किलोमीटर दूर गुप्तार घाट आए। यहां घाट पर टहलते हुए करीब दो सौ मीटर दूर सुनसान इलाके के कच्चा घाट पर चले गए। जहां पहले चार महिलाएं हाथ-पैर धोने नदी में गईं, देखते ही देखते बच्चे व पुरुष सदस्य भी पानी में आ गए। इसी दौरान जूली का पैर फिसला और उफनती सरयू की तेज धारा में बहने लगी। उसे बचाने की कोशिश में चार महिलाएं भी धारा में समाने लगीं। अफरातफरी में मासूम धैर्या (6) पुत्री ललित समेत एक-एक कर 12 लोग बह गए।
अशोक, उनका दामाद सतीश पुत्र जगमोहन (40) व नमन पुत्र उसरा (12) बाहर निकले और शोर मचाना शुरू किया। दौड़कर गुप्तार घाट आकर मदद मांगी, तो तत्काल नाविक व गोताखोर मौके पर पहुंचे और पुलिस व प्रशासन को खबर दी गई। सूचना पर आईजी डॉ.संजीव गुप्त, डीएम अनुज झा, एसएसपी शैलेश पांडेय, एसपी सिटी विजयपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और हादसे की जानकारी ली।
एसएसपी ने स्वयं स्टीमर पर सवार होकर लापता लोगों की तलाश की। तत्काल रेस्क्यू टीम ने आरती पत्नी सतीश (35) और गौरी पुत्री अशोक (28) को नदी से जिंदा निकाल लिया। मासूम धैर्या जमथरा कच्चाघाट पर लहरों के थपेड़ों के बीच बचकर किनारे पर मिली। इसके कुछ देर बाद आठ किमी. दूर बाटी बाबा के आश्रम के पास नदी से अशोक के दो पुत्र ललित (40) व पंकज (25) समेत दामाद देवेंद्र की पुत्री श्रुति (20) का शव मिला। बाद में अशोक की पत्नी राजकुमारी (61), पुत्री सीता उर्फ दामिनी (35) पत्नी सचिन व उसकी पुत्री दृष्टि (4) का शव मिला है। शेष तीन लोगों की तलाश हो रही है, इसमें बचने की उम्मीद किसी की नहीं है।
अब तक मिले शव
राजकुमारी पत्नी अशोक उम्र 60 वर्ष, सीता उर्फ दामिनी पत्नी सचिन उम्र 35 वर्ष, दृष्टि पुत्री सचिन उम्र 04 वर्ष, श्रुति पुत्री देवेंद्र उम्र 20 वर्ष, पंकज पुत्र अशोक उम्र 25 वर्ष, ललित कुमार पुत्र अशोक कुमार उम्र 40 वर्ष।
(सभी शास्त्रीपुरम, सिकंदरा, आगरा निवासी)
तीन बेटे और चार बेटियों का था परिवार
ए-171, शास्त्रीपुरम निवासी अशोक गोयल की ताजगंज और सिकंदरा मंडी में सब्जी की आढ़त है। उनके तीन बेटे और चार बेटियां थीं। पत्नी राजकुमारी थीं। बेटे ललित और पदमेश सिकंदरा-बोदला रोड पर प्लास्टिक के दोने-पत्तल की दुकान चलाते हैं। पंकज पान-मसाले, सिगरेट का कारोबार करता था। हादसे में ललित, पंकज, राजकुमारी की मौत हो गई।
अशोक गोयल की बेटी जूली उर्फ गीता पत्नी देवेंद्र अग्रवाल नामनेर में रहती हैं। देवेंद्र एक निजी बस में परिचालक का काम करते हैं। उनकी एक बेटी श्रुति और एक बेटा सार्थक थे। हादसे में श्रुति की मौत हो गई। अशोक की दूसरी बेटी आरती पत्नी सतीश शास्त्रीपुरम में रहती है। सतीश का गल्ले का कारोबार है। उनके एक बेटा नमन और बेटी परी है। परी उर्फ प्रियांशी लापता है। अशोक की तीसरी बेटी सीता पत्नी सचिन सिकंदरा में रहती थीं। सचिन की पश्चिमपुरी में डिस्पोजल सामान की दुकान है। उनकी एक बेटी दृष्टि थी। सीता और दृष्टि की मौत हो गई। चौथे नंबर की बेटी सिल्की उर्फ गौरी की शादी नहीं हुई है। हादसे में सतीश की बेटी प्रियांशी, देवेंद्र की पत्नी जूली और उनकी बेटा सार्थक लापता हैं।