नई दिल्ली, 25 जून। ट्विटर और भारत सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच नीली चिड़िया ने भारत के IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का हैंडल शुक्रवार को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। भारत के कानून और IT मंत्री का हैंडल ट्विटर ने अमेरिकी कानून का हवाला देते हुए व्लॉक किया। बताया गया कि भारत के कानून और IT मंत्री ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है। हालांकि बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद का का हैंडल फिर से खोल दिया। गौरतलब है कि ट्रविटर औऱ केंद्र सरकार के बीच भारत के नए कानूनों को मानने के मुद्दे पर रस्साकसी चल रही है। मेरे साथ घटित हुई अजीब घटना, ट्विटर ने मेरा हैंडल किया ब्लॉक….

ट्विटर की कारगुजारी पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस कहा है–दोस्तो! आज बहुत ही अजीब घटना हुई। ट्विटर ने मेरे अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया।’ प्रसाद ने पहले देशी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग साइट कू के जरिए और फिर ट्विटर के जरिए यह जानकारी शेयर की है।

बिल क्लिंटन ने 1998 में बनाया था कानून, कंटेट चोरी रोकना था मकसद

डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) अमेरिका का कॉपीराइट एक्ट है। इसे अक्टूबर 1998 में उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने लागू किया था। क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का मकसद किसी कंटेंट को चोरी होने से बचाना है और चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करना है। इसके तहत सभी तरह के डिजिटल प्रोडक्ट जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, कंटेंट आते हैं।

ज्यादातर ब्लॉग लिखने वाले या कंटेंट क्रिएटर अपने कंटेंट को प्रोटेक्ट करने के लिए इस कानून का सहारा लेते हैं। कोई भी व्यक्ति यदि बिना परमिशन के किसी का कंटेंट कॉपी करता है तो DMCA के तहत उसकी शिकायत की जा सकती है।

नए आईटी नियमों को लेकर ट्विटर और सरकार में है टकराव
आईटी मंत्री के विरुद्ध सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर की कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच भारत के नए IT नियमों को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले में पिछले हफ्ते IT मिनिस्ट्री से जुड़ी संसदीय समिति के सामने ट्विटर के प्रतिनिधियों की पेशी हुई थी। समिति ने कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि क्या आप देश के कानून का पालन करते हैं? इस पर ट्विटर के प्रतिनिधियों ने कहा–हम अपनी पॉलिसी को फॉलो करते हैं, जो देश के कानून के अनुसार है। इस दलील पर समिति ने आपत्ति जताते हुए कंपनी से तल्ख लहजे में कहा कि हमारे यहां देश का कानून सबसे बड़ा है, आपकी पॉलिसी नहीं। ट्विटर की इस कार्रवाई को भारत सरकार से टकराव के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अब भारत सरकार ट्विटर के प्रति और ज्यादा सख्त रवैया अपनाएगी, क्योंकि यदि ट्विटर की इस कारगुजारी को यूं ही जाने दिया तो अंतर्राष्ट्रीय तौर पर इसे भारत सरकार की कमजोरी माना जाएगा।  

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