ग्वालियर,19 जून। अंचल की ऐतिहासिक ग्वालियर-श्योपुर नैरोगेट रेलखंड करीब 150 साल पुरानी विरासत था। अंचल वासियों ने विरासत का बलिदान देकर सरकार से विकास मांगा है, लेकिन इस रेलखण्ड के ब्रॉडगेज उन्नयन के लिए अनुमानित तीन हजार करोड़ रुपए की जगह रेलवे ने अब तक महज 25 करोड़ रुपए जारी किए हैं।

ग्वालियर-श्योपुर लाइट नैरोगेज की जगह अंचल के लोग ब्रॉडगेज का सपना ग्वालियर के लोग दशकों से देख रहे है, लेकिन यह कभी बजट की कमी तो कभी किसी दूसरे कारण से अटक जाता है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इस संबंध में बहुत पहले से लिखते रहे हैं, इसी सिलसिले में उन्होंने ने एक बार फिर इस रेलखंड परियोजना का मुद्दा अपने पत्र से उठाया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि ग्वालियर-श्योपुर रेलखंड जो कि पूर्व में लाइट नैरोगेज रेलखंड था इसे ब्राडगेज के रूप में परिवर्तित करने की स्वीकृति रेल मंत्रालय से हुई थी। जिसका टेंडर भी हो चुका है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है, लेकिन पिछले रेल बजट में मात्र 25 करोड रुपये मंत्रालय से जारी होने के कारण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कार्य को तेज गति से चलाने और गैज परिवर्तन के लिए आवश्यक है कि बजट की बाधा को दूर किया जाए।

वर्ष 2021- 22 में रेलवे को ग्वालियर-श्योपुर ब्राडगेज रेल प्रोजेक्ट के तहत रायरू से सबलगढ़ तक मिट्टी का ट्रैक तैयार कराना था, लेकिन बजट के आभाव में यह काम अटका पड़ा है। इसके साथ ही 10 बड़े पुल एवं 112 छोटे पुलों का निर्माण भी प्रस्तावित है, इस रेलखंड पर 24 नए स्टेशनों का निर्माण भी होना है। इन्हीं सभी बातों का पत्र में जिक्र कर सिंधिया ने रेल मंत्री से बजट के संबंध में बाधा दूर करने का आग्रह किया है।

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