मुंबई, 05 अप्रेल। रिलाइंस चेयरमेन मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के सामने विस्फोटक भरी कार रख कर धमकाने और सौ करोड़ वसूली मामले पर मुंबई उच्च न्यायालय ने CBI जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। सोमवार को उच्च न्यायालय के आदेश के तीन घंटे के अंदर ही महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि उनकी जगह महाराष्ट्र का गृहमंत्री दिलीप पाटिल को बनाया जा सकता है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंपा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार से बात करने के बाद अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया। गृहमंत्री के इस्तीफे के बाद प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि वह खुश हैं कि देशमुख ने इस्तीफा दे दिया। साथ ही कहा कि CBI जांच में चौंकाने वाले कई खुलासे होंगे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग की थी। फडणवीस ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद गृहमंत्री को जांच के दौरान तक इस्तीफा दे देना चाहिए। 

गृह मंत्री बनने जा रहे पाटिल पवार के PA रहे
दिलीप पाटिल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शरद पवार के PA के रूप में की थी। वे 1990 में अम्बेगांव में किसनराव बैंखले को हराकर पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने। दिलीप पाटिल चिकित्सा शिक्षा, उच्च और तकनीकी शिक्षा, और ऊर्जा मंत्री भी रहे हैं। पाटिल पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के डायरेक्टर भी रहे। वे भीमाशंकर कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री लिमिटेड के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे हैं। पाटिल पुणे की अंबेगांव तालुका विधानसभा सीट से 1990 के बाद से अब तक विधायक चुने जाते रहे हैं।

तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सौ करोड़ वसूली का लगाया था आरोप

ज्ञातव्य है कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई करते हुए अनिल देशमुख के खिलाफ CBI जांच का आदेश जारी किया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि गृहमंत्री पर वसूली के आरोप लगाए गए हैं। वह बेहद गंभीर है, इस स्थिति में जांच CBI से होनी चाहिए उच्च न्यायालय ने 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट CBI डायरेक्टर को सौंपने को कहा है। मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गृहमंत्री देशमुख के विरुद्ध उच्च न्यायालय में सौ करोड़ रुपए वसूली की याचिका लगाई थी। याचिका पर निर्णय सुनाते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि परमबीर सिंह के आरोप गंभीर हैं, इस मामले में FIR दर्ज हो चुकी है और जांच की जरूरत है। मुंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि अनिल देशमुख पर जो आरोप लगे हैं उनकी जांच के लिए पुलिस पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। इसकी प्राथमिक और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई की आवश्यकता है। 

ट्रांसफर के बाद परमवीर सिंह ने लगाए थे 100 करोड़ वसूली आदेश के आरोप ज्ञातव्य है कि एंटीलिया केस में मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन कमिश्नर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र ईमेल भेज कर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे को 100 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया था।

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