ग्वालियर, 19 मार्च। शुक्रवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में उस समय एक नकली मामा के दिमाग से समाज सेवा का भूत उतर गया जब जज ने उनसे कहा कि नारी निकेतन की 15 और लड़कियों की शादी आपको करानी होगी। महंगाई के इस दौर में मामा को जज की बात सुनकर दिन में तारे नजर आ गए और वह न्यायालय से वापस चला गया। ज्ञातव्य है कि नकली मामा वन-स्टॉप सेंटर में रह रही किशोरी के पजेशन का दावा करने पत्नी के साथ उच्च न्यायालय में पेश हुआ था। जज साहब ने नकली मामा से कहा कि भांजी के साथ 15 और लड़कियों की कराए शादी, तो भाग खड़े हुए मामू….

बीते सात माह से वन-स्टॉप सेंटर में रह रही किशोरी ने एक व्यक्ति को मामा बताते हुए उसके साथ रहने की इच्छा जताई थी। उसने अपने माता-पिता और असली मामा के साथ जाने से इनकार कर दिया था। एक दिन पहले मामले की सुनवाई में अकेले आए इस व्यक्ति को जज साहब ने पत्नी के साथ पेश होने का आदेश दिया था। शुक्रवार को पत्नी के साथ आए कथित मामा से जज ने पत्नी से पूछा कि लड़की आपके यहां रहेगी तो उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं होगी। पत्नी ने पति का समर्थन करने हुए अनापत्ति जाहिर कर दी। इसके बाद जज ने पूछा कि उन्हें लड़की की शादी करना होगी, इस पर भी पति-पत्नी ने सहमति दे दी। जज को नकली मामा और उसकी पत्नी पर शक हुआ, इसलिए उन्होंने प्रस्ताव रखा कि मामा-मामी को नारी निकेतन की 15 और लड़कियों की शादी कराना पड़ेगी। इस पर मामा-मामी चुपचाप जज साहब को नमस्कार कर वहां से खिसक लिए।

जिस मामा के साथ जाने को तैयार थी किशोरी, उसे पहचानते तक नहीं परिजन

जनकगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी पिछले साल अगस्त से वन स्टॉप सेंटर में रह रही है। उसे वन-स्टॉप सेंटर इसलिए भेजा गया ता क्योंकि किशोरी ने पढ़ने की इच्छा जताते हुए माता-पिता पर आरोप लगाया ता कि नाबालिग होते हुए भी जबरिया शादी करा रहे हैं। फरवरी 2021 में किशोरी बालिग हो गई तब उसने न्यायालय से स्वतंत्र होने की मांग की। इस पर न्यायालय ने शर्त रखी कि उसे  परिजन के सुपुर्द ही किया जा सकता है। किशोरी ने एक बार फिर अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया और मामा के साथ जाने की इच्छा जताई। न्यायालय ने मामा को तलब किया तो एक साथ दो मामा पहुंच गए। इनमें एक वाकई किशोरी का मामा था, जबकि दूसरा नकली। लड़की ने असली मामा के साथ जाने से इनकार कर दिया, जबकि मुंह बोले मामा के साथ रहने की इच्छा जताई। लेकिन, किशोरी के माता-पिता ने मुंहबोले मामा को पहचानने तक से इनकार कर दिया था।

उच्च नयायालय ने कहा–चाहे तो शादी में मिल सकती है मदद

शुक्रवार को लड़की के माता-पिता और उसके मुंह बोले मामा को फिर तलब किया गया था। नकली मामा जज के प्रस्ताव से मामा होने का दावा भूल पत्नी के साथ वापस चला गया। न्यायालय ने किशोरी को वापस वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। किशोरी के परिजन के अधिवक्ता अनूप कुशवाह ने बताया कि किशोरी को माता-पिता के साथ ही रहने की समझाइश दी गई है। उसे कहा गया है कि यदि वह किसी लड़के के साथ शादी करना चाहती है तो कोर्ट उसमें उसकी मदद कर सकता है, लेकिन उसकी सुरक्षा माता पिता के अधीन ही उचित है।

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