ग्वालियर, 19 मार्च। नगर निगम का क्षेत्रीय अधिकारी ने अपनी जमीन पर प्लॉटिंग कर उस पर कॉलोनी बना रहे रीयल-स्टेट कारोबारी को उसके निर्माण तोड़ने की धमकी दी। उसने  अवैध होने की बात कह कर उन्हें वैध करने के लिए तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी। हील-हुज़्जत के बाद मामला दो लाख रुपए में तय हो गया। इसके बाद रीयल-एस्टेट कारोबारी ने आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (EOW) को शिकायत कर दी। शिकायत की तस्दीक के बाद EOW के अधीक्षक ने टीम गठित कर रिश्वत की पहली किश्त 50 हजार रुपए के भुगतान के दौरान छापा मारा और क्षेत्रीय अधिकारी व टाइम-कीपर को रंगे हाथों पकड़ लिया।

ज्ञातव्य है कि EOW ने कुछ माह पहले ही छापामार कार्रवाई कर नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को पांच लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी निगम अफसरों अपनी रिश्वतखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। पहले अवैध घोषित कर मकान तोड़ने की धमकी दी, फिर बचाने को मांगी 3 लाख की रिश्वत….

वीरपुर बांध निवासी अनूप कुशवाह ने क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक-14 के अंतर्गत आने वाले  भटखेड़ी वार्ड क्रमांक-60 में अपनी जमीन पर प्लाटिंग की है, उनमें से कुछ पर निर्माण भी हो चुका है। कुछ दिन पहले क्षेत्रीय अधिकारी मनीष कन्नौजिया ने अनूप को वहां बने निर्माण तोड़ने के लिए नोटिस देने की धमकी दी। कारण पूछने पर बताया कि भूखंडों पर मकान बगैर अनुमति बनाए गए हैं, इसलिए अवैध हैं। फरियादी ने अनुनय-विनय की तो मनीष कन्नौजिया ने मकानों को बचाने के लिए तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी। अनूप ने फिर हाथ जोड़े, सौदेबाजी हुई और मामला दो लाख रुपये में तय हो गया।

फरियादी ने इसकी शिकायत EOW से की तो क्षेत्रीय अधिकारी को ट्रैप करने की योजना तैयार की गई। रणनीति के तहत फरियादी ने मनीष कन्नौजिया से फोन पर रिश्वत की पहली किश्त के रूप में पचास हजार रुपये देने के लिए स्थान बताने को कहा। कन्नौजिया ने फरियादी अनूप को शारदा विहार पानी की टंकी के पास बने क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक-14 पर भेजा गया। क्षेत्रीय अधिकारी ने 50 हजार रुपये लेकर अपने टाइम-कीपर इंदर सिंह जाटव को थमा दिए। लेनदेन पूरा होते ही टीम EOW प्रकट हुई और क्षेत्रीय अधिकारी मनीष कन्नौजिया व टाईमकीपर इंदर सिंह रंगे होथों को गिरफ्तार कर लिया।

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