छतरपुर, 17 मार्च। बड़ामलहरा में मंगलवार देर शाम कांग्रेस के घुवारा ब्लॉक अध्यक्ष इंद्र प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा की दो हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। गोली इंद्र प्रताप सिंह के पेट में लगी थी, उन्हें धतरपुर के जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। मंगलवार रात को ही रात 9 बजे उनकी मृत्यु हो गई।
सरे शाम नेता की हत्या से भड़के समर्थकों ने छतरपुर और बड़ामलहरा में देर रात तक ट्रैफिक जाम कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने 6 आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है, हत्यारों की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया गया है।
सड़क खड़े कांग्रेस नेता पर बाइक सवारों ने नज़दीक आकर मारी गोली, इलाके में तनाव
इंद्रप्रताप सिंह मंगलवार देर शाम बजे बड़ामलहरा में आयुष होटल के पास खड़े थे। तभी दो बाइक सवार बदमाशों ने अचानक पहुंच कर इंद्रप्रताप पर निशाना साध कर दो गोलियां दागीं। हेलमेट पहने बदमाशों का एक फायर मिस हो गया, लेकिन दूसरी गोली इंद्र प्रताप सिंह के पेट में लगी। वारदात को अंजाम दे हमलावर मौके से तत्काल फ़रार हो गए। हेलमेट पहने हमलावर CCTV में दर्ज हो गए। कांग्रेस नेता को बड़ामलहरा में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल छतरपुर लाया गया। जिला अस्पताल में डाक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन मंगलवार रात ही 9 बजे डाक्टरों ने इंद्रप्रताप सिंह को मृत घोषित कर दिया। सरे शाम फायरिंग से बड़ामलहरा में दहशत फैल गई, दुकानें धड़ाधड़ बंद कर दी गईं। कुछ ही देर में पूरा बाजार बंद हो गया। गुस्साई भीड़ ने जिला अस्पताल में भी तोड़फोड़ की।
बुधवार शाम पठिया गांव में कांग्रेस नेता इंद्रप्रताप सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा, लेकिन बड़ामलहरा में तनाव के हालात बने हुए हैं। वहां भारी सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस नेता के समर्थक एकत्रित हैं। सागर आईजी के निर्देश पर बड़ामलहरा और पठिया में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है
राजनीतिक रंजिश में हत्या, आरोपियों पर 10 हजार का इनाम
पुलिस ने छह आरोपियों हाकिम सिंह, मोर पाल सिंह, हरदेव सिंह, इमरत लोधी, रामकृपाल लोधी, हरिचरन लोधी सहित कुल छह आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। आरोपी हाकिम सिंह हत्या के एक मामले में पहले से ही फरार है, जबकि मोरपाल, हरदेव, इमरत को जमानत दे दी गई थी। हत्यारों की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार हत्या के पीछे राजनीतिक रंजिश मुख्य वजह है। इंद्रप्रताप मूल रुप से पठिया गांव के रहने वाले थे। उनके बड़े भाई भगवत सिंह सरपंच तथा भाभी जिला पंचायत सदस्य रहीं है। भगवत सिंह की भी 6 साल पहले हत्या की गई थी।