ग्वालियर, 17 मार्च। इडियन एयरफोर्स (IAF) का MiG-21 बाइसन बुधवार सुबह हादसे का शिकार हो गया। IAF के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के अनुसार हादसे में एक ग्रुप कैप्टन ए. गुप्ता शहीद हो गए। ट्वीट में हादसा एयरफोर्स के मध्यभारत में स्थित एक एयरबेस में उस समय हुआ बताया गया है, जब MiG-21 एयरक्राफ्ट कॉम्बेट ट्रेनिंग के लिए उड़ान भर रहा था। राज्यसभा सांसद सिंधिया ने भी ट्वीट कर हादसे पर दुख जताते हुए शहदी पायलट को श्रद्धांजलि दी है और उनके दुखी परिवार के लिए शोक-संवेदना व्यक्त की है।

भारतीय वायुसेना ने बुधवार दोपहर ट्वीट कर बताया कि मिग-21 विमान टेकऑफ के वक्त हादसे का शिकार हो गया। ये विमान एक कॉम्बैट ट्रेनिंग पर था। इस घटना में ग्रुप कैप्टन ए गुप्ता शहीद हो गए। जिस पर वायुसेना ने दुख व्यक्त किया है। हालांकि वायुसेना ने हादसा किस एयरबेस पर हुआ है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक मध्यभारत का यह एयरबेस ग्वालियर बताया जा रहा है। IAF ने इस हादसे के पीछे की वजह पता करने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ घोषित कर दी है। भारतीय वायुसेना ने कहा है कि इस दुख की घड़ी में हम शहीद ग्रुप कैप्टेन गुप्ता के परिवार के साथ खड़े हैं।

44 साल पुराना है MiG21, सैकड़ों हादसों में 170 से भी ज्यादा पाइलट शहीद

वायुसेना के एक सेमिनार में एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा था, ‘हम आज भी 44 साल पुराना मिग-21 उड़ा रहे हैं, जबकि कोई उस जमाने की कार भी नहीं चलाता’। धनोआ ने कहा, ‘वायुसेना का मिग 21 विमान चार दशक से ज्यादा पुराना हो गया है. लेकिन अभी भी यह विमान वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बना हुआ है। दुनिया में शायद ही कोई देश इतना पुराना लड़ाकू विमान उड़ाता है। हालांकि इसकी वजह है, वायुसेना के पास MiG-21 के विकल्प के तौर पर कोई विमान नहीं हैं’। रूस में बने मिग-21 साल 1973-74 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने थे। अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते इन्हें ‘फ्लाइंग कॉफिन’ कहा जाने लगा था। अब तक वायुसेना के सैकड़ों मिग-21 हादसे का शिकार हो चुके हैं, और बीते एक दशक में करीब 171 मिग-21 पाइलट शहीद भी हो चुके हैं।

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