ग्वालियर 15 मार्च। जीवाजी विश्वविद्यालय (JU) में विद्यार्थियों से फीस जमा कराने की प्रक्रिया पुरानी कैश-विंडो से भी ज्यादा जटिल और परेशान करने वाली बन गई है। यहां विद्यार्थी को फीस जमा कराने के लिए MP ऑनलाइन कियोस्क संचालकों के हाथों लुटना ही पड़ता है, क्योंकि JU के पोर्टल पर पेमेंट गेटवे की सुविधा उपलब्ध नहीं है। विद्यार्थियों को परेशानी देखते हुए NSUI की JU इकाई ने इसके लिए आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश डिजिटल युग में कैशलेश होने की होड़ में है, लेकिन JU की फीस जमा कराने की प्रक्रिया के देश भर के विश्वविद्यालयों से पीछे है। दूसरे विश्वविद्यालय अपने पोर्टल पर ही नेट बैकिंग/UPI/ डेबिट-क्रैडिट कार्ड के जरिए घर बैठे विद्यार्थी को पेमेंट-गेटवे उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन JU ने विद्यार्थियों को MP-ऑनलाइन कियोस्क संचालकों के हाथों लुटने के लिए छोड़ दिया है। जीवाजी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की परेशानियों को देखते हुए NSUI की JU इकाई ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस सुविधा के लिए वह आंदोलन खड़ा करेंगे।
आने-जाने का झंझट बरकरार, कियोस्क को 100-150 रुपए का जजिया भी
विद्यार्थियों की पीड़ा है कि कैश-विंडो पर वह खुद नहीं तो मित्र-रिश्तेदारों के जरिए बगैर अतिरिक्त भुगतान किए फीस जमा करा देते थे। लेकिन, MP-ऑनलाइन कियोस्क पर तो 100-150 रुपए तक अतिरिक्त भुगतान करना ही पड़ता है। इसके अलावा गांव-देहात व दूर-दराज के विद्यार्थियों को इस काम के लिए हर हाल में लंबी यात्रा कर JU कैंपस में पहुंचना ही पड़ता है।
हालांकि JU में अपनी ज्यादातर प्रक्रिया अपने आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन कर दी हैं, लेकिन पेमेंट गेटवे उपलब्ध नहीं होने से पोर्टल किसी काम का नहीं रह गया है। देश का शायद ही कोई ऐसा विश्वविद्यालय हो जहां फीस भुगतान के लिए जेयू जैसा पिछड़ा हुआ तरीका अपनाया जा रहा हो।
पेमेंट गेटवे से मिलती है घर बैठै भुगतान की सुविधा
पेमेंट गेटवे एक एप्लीकेशन है जिससे कोई संस्थान ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा अपने उपभोक्ता या उपयोगकर्ता को दे सकता है। यह दरअसल बैंक और मेजबान संस्थान के पोर्टल के बीच का पुल है। किसी को ऑनलाइन साईट पर पेमेंट करते हैं तो संस्थान का पोर्टल उपयोगकर्ता के डेबिट/क्रेडिट कार्ड का विववरण पेमेंट-गेटवे को भेज कर उसके जरिए विवरण को बैंक से प्रमाणित कराता है, और आपके खाते से आपके द्वारा निर्धारित रकम स्थानांतरित होकर सीधे संस्थान के खाते में पहुंच जाती है। इतना ही नहीं, पेमेंट सीधे संस्थान के काते में रीयलटाइम पहुंच जाता है। पोर्टल पर पेमेंट-गेटवे नहीं होने से विद्यार्थियों के अलावा JU को भी MP-ऑनलाइन को उसकी सेवा के बदले कुछ भुगतान करना ही पड़ता है।