जयपुर, 15 मार्च। राजस्थान में ख़ाकी के दामन पर अनोखी रिश्वत का दाग लगा है। दरअसल ACP कैलाश बोहरा को एक दुष्कर्म पीड़िता से रिश्वत में अस्मत माँगने और यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व राजस्थान में ही एक सब इंस्पेक्टर ने गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराने आई युवती के साथ तीन दिन तक थाना परिसर में ​ही दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था। रिश्वत में अस्मत मांगने वाले अनोखे रिश्वतखोर ACP को ACB ने रंगे हाथ पकड़ा, सरकार को 24 घंटे में करना पड़ा बर्ख़ास्त….

रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले एसीपी कैलाश बोहरा को राज्य सरकार ने पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। सोमवार को राजस्थान के संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैलाश बोहरा का प्रकरण रेयरेस्ट रेयर मामला है। बोहरा को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे पहले मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान गृह विभाग के संयुक्त सचिव रामनिवास मेहता ने सोमवार सुबह ऑफिस खुलने के पहले ही निलंबन आदेश जारी किए थे। राजस्थान में पहली बार 24 घंटे में दागी अफसर को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला किया गया है।

पहली बार कैशलैस ट्रैप हुआ पुलिस अफसर, नोट की जगह युवती के कपड़ों पर लगा ट्रैप केमिकल

कैलाश बोहरा जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के पूर्वी जिले में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में ACP था। जयपुर में DCP ईस्ट के ऑफिस में ग्राउंड फ्लोर पर बोहरा का ऑफिस है। यहीं एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रविवार को पीड़िता के साथ बोहरा को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था। दरअसल रिश्वत में अस्मत मांगने की शिकायत मिलने पर पर ACB ने ट्रैप कार्रवाई के लिए पीड़िता के कपड़ों पर विशेष रसायन लगाया था। जब कैलाश बोहरा ने युवती को स्पर्श किया, यह रसायन उसके हाथों और कपड़ों पर लग गया। बोहरा जैसे ही युवती को लेकर ऑफिस में दाखिल हुआ उसने दरवाजा बंद कर लिया, जिसे एसीबी ने खुलवा कर बोहरा को पीड़िता के साथ आपत्तिजनक हालत में पा गिरफ्तार कर लिया, उसके हाथ धुलवाए तो पानी गुलाबी हो गया। बोहरा के कपड़े भी एसीबी ने साक्ष्य के तौर पर जब्त कर लिए।

पीड़िता से फोन पर 7 दिन से कर रहा था अश्लील बातें

आरोपी कैलाश बोहरा 1996 में बतौर सब इंस्पेक्टर राजस्थान पुलिस में भर्ती हुआ था। वह जयपुर के बजाज नगर, सदर, शिवदासपुरा सहित कई अन्य थानों में इंस्पेक्टर रहा है। दुष्कर्म केस की जांच के बहाने वह 30 साल की पीड़िता को बार-बार ऑफिस बुलाता था। पहले उसने जांच के लिए रिश्वत मांगी, बाद में पीड़िता से अस्मत मांगना शुरू कर दिया। दरअसल, पीड़िता ने जयपुर में शादी का झांसा देकर देहशोषण करने, धोखे से गर्भपात कराने का एक युवक व उसके साथी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में कार्रवाई करने के बदले ACP उसकी अस्मत मांग रहा था। परेशान होकर पीड़िता ने ACB से पूरे मामले की शिकायत की थी। कैलाश बोहरा को ट्रैप करने वाले ACB के एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा के मुताबिक कैलाश व पीड़िता युवती के बीच फोन पर हुई बातचीत में भी बोहरा ने युवती से रिश्वत में अस्मत मांगने अशलील चर्चा की जो फोन में रिकॉर्ड है। पीड़िता ने 6 मार्च को ACB में शिकायत की थी। इसके बाद ACB ने शिकायत के सत्यापन के लिए ACP बोहरा के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया था। एएसपी नरोत्तम वर्मा ने बताया कि ACP की पीड़िता से  पिछले सात-आठ दिनों से बातचीत हो रही थी।

कुछ दिन पहले SI ने पति की शिकायत करने पहुंची युवती से थाने में ही किया दुष्कर्म

पिछले दिनों अलवर के खेड़ली थाना में अपने पति के खिलाफ FIR लिखवाने गई महिला से बलात्कार का मामला सामने आया था। 26 वर्षीय पीड़िता का पति के साथ विवाद चल रहा है। वह दो मार्च 2021 को पति के खिलाफ FIR दर्ज करवाने खेड़ली थाना पहुँची थी। उसका आरोप है कि खेड़ली थाने में तैनात सेकेंड ऑफिसर SI भरत सिंह ने पीड़िता को पति से विवाद के निपटारे का झाँसा दिया। इसके बाद वो थाना परिसर में ही बने आवास में पीड़िता को लेकर गया और वहाँ उसके साथ रेप किया। महिला का आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर इतने पर ही नहीं रुके। उसने अगले दो दिन भी पीड़िता को बुलाया और उसके साथ रेप किया। गौरतलब है कि 2019 में राजस्थान के चुरु जिले में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भी पुलिस पर रेप के आरोप लगे थे। मृतक की 35 वर्षीय भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था।

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