कोलकाता, 14 मार्च। पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में विधानसभा सीट के लिए नामांकन के दिन ही कार के दरवाजे से टांग तुड़वा बैठीं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने लिए सुरक्षित मैदान तलाशने लगीं हैं। चर्चा है कि नंदीग्राम में तृणमूल से भाजपा में गए कभी ममता के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी के साथ सीधे संघर्ष के खतरे को संतुलित करने के लिए ममता टॉलीगंज विधानसभा सीट को सुरक्षित मानने लगीं हैं। ज्ञातव्य है कि टॉलीगंज के लिए अरूप बिस्वास के नाम की घोषणा के साथ ही ममता ने संकेत दिया था कि यहां से वह खुद भी लड़ सकती हैं। नंदीग्राम में व्हीलचेयर पर ममता का अभियान, अब टॉलीगंज में खड़े होने के आसार….

ममता बनर्जी ने जिस दिन पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा की थी, उसी दिन कह दिया था कि वह टालीगंज से भी चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि, तब उन्होंने कहा था कि इस पर बाद में सोचेंगी। लेकिन, जो घटनाक्रम चल रहा है, वह इस बात का संकेत दे रहा है कि दीदी अब टॉलीगंज से चुनाव लड़ने के बारे में सोचने लगीं हैं।

टॉलीगंज उम्मीदवार को निर्देश, धीमा रखें प्रचार अभियान

स्थानीय सूत्रों के अनुसार टालीगंज के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के मंत्री अरूप विश्वास से कहा गया है कि वह चुनाव प्रचार अभियान में अबी तेजी न दिखाएं और अपने नाम की की जगह पार्टी के नाम की प्रचार सामग्री का उपयोग करें। संवाद माध्यमों से चर्चा में खुद अरूप विस्वास ने चालाकी से जवाब देते हुआ कहा कि ममता दीदी तो बंगाल की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। अभी अंतिम रूप से निर्णय नहीं हुआ है कि ममता टालीगंज से चुनाव लड़ेंगी ही, लेकिन इस बारे में चर्चा चल रही है। पार्टी और ममता बनर्जी दोनों परिस्थितियों का आकलन कर रही हैं।

लोकसभा चुनाव में नंदीग्राम में भाजपा से हुई थी नजदीकी टक्कर, टॉलीगंज सुरक्षित

बीते लोकसभी चुनावों में भाजपा उम्मीदवार ने नंदिग्राम क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार को नजदीकी टक्कर दी थी, जबकि टॉलीगंज में मार्जिन सुरक्षित था। लिहाजा ममता बनर्जी नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी का पलड़ा भारी होते देख टॉलीगंज से नामांकन भर सकती हैं। ज्ञातव्य है कि टॉलीगंज से नामांकन भरने की आंतिम तिथि 23 मार्च है।  

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