

जबलपुर, 12 मार्च। शहर के छोटी लाइन फाटक एक छोटे से होटल का मैनेजर अपने पत्नी और उसकी सहेली के साथ मिलकर गरीब जरूरतमंद औरतों के फंसाकर राजस्थान में औरतों के दलाल को बेच रहे थे। होटल पर रोटी बनाने का काम कर रही 31 वर्षीय महिला बेचे जाने के 40 दिन बाद बेटे से मिलने के बहाने किसी तरह छूट कर आई तब खुलासा हुआ कि इस रैकेट ने मध्यप्रदेश की कई दूसरी महिलाओं को भी राजस्थान में ही शादी के नाम पर बेचा है।
पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि आरोपी तीन महिलाओं को कोटा बेचने के लिए ले गए थे। एक को 2.80 लाख रुपए में, दूसरी को 70 हजार रुपए में बेच दिया। तीसरी 23 वर्षीय युवती का सौदा उसके सांवले रंग को देखने के बाद निरस्त हो गया। पीड़ित महिलाओं में एक ने जबलपुर के मदनमहल पुलिस थाने में रेप व मानव तस्करी सहित विभिन्न धाराओं में, और दूसरी ने ग्वारीघाट पुलिस ताने में शिकायत दर्ज कराई है।
शादी ये रोजगार का झांसा देकर बेच देते थे राजस्थानी बदमाशों को
रीवा के मऊगंज की निवासी 31 वर्षीय महिला जबलपुर की भूकंप कॉलोनी में रहती थी और पास ही स्थित बासू होटल में 200 रुपए रोज पर रोटी बनाने का काम करती थी। महिला का विवाह 15 वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन पति उसके साथ मारपीट करने लगा था। तीन साल तक वह सहन करती रही, इसी दौरान एक बेटे की मां भी बन गई। बेटे के जन्म के बाद भी मारपीट जारी रही तो महिला पति को छोड़ कर अलग रहने लगी। होटल में रोज 200 रुपए की कमाई होती थी। होटल के मैनेजर अनिल बर्मन ने अपनी पत्नी ज्योति से पीड़िता का परिचय कराया था। नवंबर 2020 में मैनेजर ने महिला को लालच दिया कि दिहाड़ी के जीवन से मुक्ति दिलाएगा। अनिल बर्मन ने 20 जनवरी 2021 को ज्योति से कहा कि उसे कोटा भेज रहा है, पहले बटे को उसकी नानी के घर छोड़ कर आए। कोटा में जम जाने के बाद बेटे को भी साथ ले जाए। अनिल की पत्नी ज्योति ने 25 जनवरी 2021 को उसे जबलपुर के तीन पत्ती चौराहे पर बुलाया और अपने घर ले गई। वहां से 26 को ज्योति उसे कोटा ले गई। वहां अनिल बर्मन और ग्वारीघाट निवासी 23 वर्षीय शालिनी जैन और परसवाड़ा निवासी संतोषी मराठा मिली। कोटा से सभी मिलकर पीड़िता को बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर के घर ले गए। वहां बलशाखा राजस्थान निवासी जमुना शंकर उसे देखने के लिए पहुंचा हुआ था। पीड़िता को देखकर जमुना शंकर ने पसंद कर लिया और सौदा 2.80 लाख में तय हुआ। अपने हिस्से की रकम लेकर सभी लोग वहां से लौट गए और जमुना शंकर पीड़िता को बेटे समेत जान से मारने की धमकी दे कर बलशाखा स्थित अपने निवास पर ले आया। धमकी के आगे विवश पीडिता ने 40 दिन तक बलात्कार झेला, और खरीदने वाले के घरेलू कामकाज की मजदूरी भी बगैर वेतन करनी पड़ी। पीड़िता ने 40 दिन पीड़ा झेलते हुए बिताए, लेकिन इसी दौरान उसने खरीदार का विश्वास भी जीत लिया। उसने खरीदार से अपने 12 साल के बेटे से मिलने की मोहलत ले ली। इसी बहाने वह अपने मायके में नाना-नानी के पास रह रहे बेटे से मिलने आई और परिजन के साथ पुलिस थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई।
दूसरी पीड़िता के पति से मिल बताया–दलालों के चंगुल में है पत्नी
पीड़िता 7 मार्च को जबलपुर में अपने साथ ही सौदे के लिए ले जाई गई पीड़िता के पति के पास पहुंची और आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसकी पत्नी को भी बेचने के लिए कोटा ले जाया गए है। बाद में जानकारी मिली की उसे सांवले रंग की वजह से खरीदार ने रिजेक्ट कर दिया है, लेकिन दलाल दूसरा खरीदार तलाश रहे हैं। बिकने से बची दूसरी पीड़िता को भी 11 मार्च को बरामद कर लिया गया। दूसरी पीड़ता ने बताया कि पहले सौदे के बाद आरोपियों ने ज्योति नाम की युवती को भी 70 हजार रुपए में सुरेश सिंह ठाकुर के माध्यम से राजस्थान में ही किसी को बेचा है।
बूंदी दुर्ग पर दलालों से हुई दोस्ती
बासू होटल का मैनेजर अनिल बर्मन एक वर्ष पूर्व बूंदी का किला घूमने गया था, उसी दौरान दलाल सुरेश मुलाकात हुई थी। ग्वारीघाट पुलिस ने मामले में अनिल, पत्नी ज्योति व संतोषी मराठा को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि अनिल बर्मन मूलत: सिहोरा का रहने वाला है। बूंदी में सुरेश ने अनिल को बताया कि राजस्थान में शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलती हैं। यदि वह जबलपुर से लड़कियां लाए तो अच्छी खासी रकम मिल जाएगी। इसके बाद अनिल ने जबलपुर से कई गरीब युवतियों को सुरेश के जरिये बेचना शुरू कर दिया। दलालों के चंगुल से छूटी दो युवतियों के बयान पर पुलिस ने अनिल बर्मन (28), उसकी पत्नी ज्योति बर्मन, परसवाड़ा संजीवनी नगर निवासी संतोषी मराठा, जमुना शंकर और बूंदी कोटा राजस्थान निवासी सुरेश सिंह ठाकुर व अन्य के खिलाफ 370, 370 क, (2) 511, 34, 342, 370, 376, 376 (2) (N) 114, 109 120बी 506, 34 भादवि का प्रकरण दर्ज किया गया है।