भोपाल, 05 मार्च। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB)  की ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (RAEO) और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (SADO) की परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इस परीक्षा के TOP-10 के कमोबेश एक जैसे नंबर आए हैं, और इतने आए हैं कि रिकार्ड बन गया है। इतना ही नहीं गलतियां भी इन सभी ने एक ही जैसी की है, यहां तक कि सभी टॉपर्स एक ही कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थी है। दिलचस्प यह है कि 200 में से 190 से ज्यादा नंबर लाने वाले टॉपर्स ने जो गलतियां की है वह सवाल ‘10+2’ स्तर के ही हैं। गौरतलब है इसके विरोध में प्रदेश के कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थी बीते 11 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शुवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।   

आठ साल में डिग्री कर पाए PEB ने बना दिया टॉपर

फरवरी 11-12 को आयोजित की गई PEB की RAEO और SADO की परीक्षा कि परिणाम घोषित हुआ तो वर्षों से कड़े मेहनत से तैयारियों में जुटे कृषि विद्यार्थी सकते में आ गए। ग्वालियर के शासकीय कृषि महाविद्यालय से बीएससी पास आउट 10 छात्रों के एक जैसे नंबर आए। विरोध कर रहे परीक्षार्थियों ने आश्चर्य प्रकट किया कि SADO के लिए हुई परीक्षा में सभी टॉपर्स के गलत उत्तर भी एक ही जैसे हैं। गणित में पूरे नंबर लाने वाले परीक्षार्थी महाविद्यालय की परीक्षा में सांख्यिकी में अनुत्तीर्ण हो चुके थे, और चार वर्ष के पाठ्यक्रम को पांच साल में पूरा कर सके थे। आश्चर्य यह भी है कि सभी चंबल क्षेत्र के हैं और इनमें से 9 एक ही जाति के बताए गए हैं।

इस ताजे PEB चमत्कार की शिकायत करने वाले रमेश सिंह तोमर ने सवाल उठाया कि इन कैंडिडेट्स को सामान्य ज्ञान की परीक्षा में पूरे नंबर मिले, किंतु पीईबी की आंसर शीट में तीन सवालों के जवाब पाए गए। इन तीन सवालों के जवाब सभी टॉपर्स ने एक जैसे और गलत पाए गए। टॉपर्स के जो जवाब गलत पाए गए हैं, वह  ‘10+2’ स्तर के ही हैं।

विरोध में कृषि विद्यार्थियों ने मुंडन करा PEB की अर्थी जलाई, नाले में विसर्जित किए अवशेष

ग्वालियर कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थी PEB की इस करतूत का बीते 11 दिनों से विरोध कर रहे हैं। परीक्षा को निरस्त कर दोबारा कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को ग्वालियर की सड़कों पर रैली निकलते हुए प्रदर्शनकारियों ने मुंडन कराया औऱ PEB की अर्थी निकाल कर अंन्त्येष्टि करते हुए अवशेषों को गंदे नाले में विसर्जित किया। विरोध कर रहे कृषि विद्यार्थियों ने सवाल उठाए कि जनरल नॉलेज की परीक्षा में TOP-10 को एक जैसे अंक मिलना, एक को गणित में णिलना जबकि बीएससी के दौरान सांख्यिकी में 4 बार फेल होना और 8 साल में डिग्री पूरी कर पानाअपने आप शक पैदा करता है।

प्रदर्शनकारियों ने उठाए सवाल

  1.  PEB ने इस परीक्षा की जिम्मेदारी एनएसईआईटी को दी थी, जो 2017 में उत्तरप्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा में गड़बड़ियों के लिए ब्लैकलिस्ट की जा चुकी है।
  2. TOP-10 में सभी विद्यार्थी चंबल संभाग के हैं, इन्होंने बीएससी (कृषि विज्ञान) शासकीय कृषि महाविद्यालय ग्वालियर से की है और लगभग सभी चार साल की डिग्री को पांच से आठ सालों में पूरा कर पाए हैं।
  3. पास होने वाले छात्रों को 200 में से 195 और 194 अंक मिले हैं, जो कि परीक्षा के इतिहास में सर्वाधिक है। ऐसे में एक ही संभावना है कि या तो उनके पास प्रश्नपत्र था या फिर अंदर से उन्हें मदद मिली है।

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