


ग्वालियर, 02 मार्च। शहर में बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के विनय नगर निवासी जलसंसाधन विभाग के सेवा-निवृत अनुविभागीय अधिकारी (SDO) ने अपनी लायसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। मंगलवार सुबह धमाका सुन परिजन तत्काल कमरे में पहुंचे, लेकिन उनकी तत्काल मृत्यु हो चुकी थी। मौके पर पहुंची पुलिस की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, फिलहाल आत्महत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। संपन्न परिवार, फिर क्यों कर ली SDO ने आत्महत्या….
विनय नगर सेक्टर-4 में रहने वाले राजेंद्र राजपूत जो सिंचाई विभाग में SDO के रूप में पदस्थ थे, रिटायर होने के बाद अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ विनय नगर स्थित मकान में रहते थे। मंगलवार सुबह उन्होंने अपनी ही लायसेसी बंदूक से बिस्तर पर लेटे-लेटे खुद को गोली मार ली। बंदूक चलने की आवाज सुन पत्नी व परिजन राजेंद्र राजपूत के कमरे में पहुंचे तो वह रक्तरंजित अवस्था में बिस्तर पर मृत मिले। प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस फिलहाल इसे आत्महत्या मान कर चल रही है है, लेकिन आत्महत्या का कोई कारण अब तक सामने नहीं आ सका है। राजेंद्र राजपूत की आर्थिक स्थिति ठीक थी, लेकिन तात्कालिक परिस्थितियों के संबंध में पुलिस या परिजन कोई भी कुछ नहीं कह रहा है। पुलिस जांच कर रही है कि हादसा कहीं गलती से चली गोली की वजह से तो नहीं हुआ है।
बड़ी बहू ने भरी पंचायत में किया था अपमान
सुसाइड नोट में पूर्व कृषि अधिकारी ने लिखा–30 सितंबर 2018 को रिटायर होने के बाद अभी तक एक दिन भी बहू ने कभी खाना परोसकर नहीं दिया। हमेशा बेइज्जत किया। मुझ पर चोरी का आरोप लगाया और दोगला कहा। हद तब हो गई, जब कल्लन सरपंच की बहू को मेरे सामने बेइज्जत किया। झूठे आरोप लगाते हुए फोटो सोशल मीडिया पर डाले। 3 जुलाई 2020 को बहू प्रीति और उसके पिता परिमाल सिंह, भाई प्रमोद उर्फ चिंटू और मनीष सिंह ने मेरे घर पर हमला बोल दिया। मुझसे मारपीट की। बहू ने शिवपुरी और ग्वालियर में झूठे मामले दर्ज कराए। जिससे मेरी सामाजिक हत्या हुई है। इनके कारण अब जीना नहीं चाहता हूं।
संपत्ति को ससुर के जीवित रहते कराना चाहती थी अपने नाम
रिटायर्ड SDO के विनय नगर, डीडी नगर में मकान समेत दो जगह कृषि-भूमि है। बड़ी बहू प्रीति विनय नगर वाले मकान को अपने नाम कराने के लिए दबाव डाल रही थी। राजपूत ने इसका अपने सुसाइड नोट में भी किया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि बहू प्रीति और उसका पिता व भाई प्रॉपर्टी उसके नाम करने का दबाव बना रहे थे। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को मकान की रजिस्ट्री तय थी, लेकिन उससे पहले ही राजपूत ने खुद को खत्म कर लिया।