ग्वालियर, 23 फरवरी। शहर के बाराघाटा इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित एक फैक्टरी पर जिला प्रशासन की छापामार कार्रवाई में अवैध रूप से आटा कारखाना (SR Foods) चलाए जाने का खुलासा हुआ है। इस फैक्ट्री के पास न लाइसेंस मिला न कोई दूसरे कानूनी दस्तावेज। यहां तक कि इसके गोदाम में दिल्ली, उत्तरप्रदेश समेत दूसरे राज्यों के सरकारी राशन के वारदाने में आटा व अनाज भी पाया गया। पूछताछ शूरू होते हू वहां मौजूद केयर-टेकर सागर चकमा देकर फरार हो गया। जिला प्रशासन की टीम ने फैक्ट्री समेत पूरे परिसर को सील कर दिया है। फैक्ट्री किसी महेंद्र सिंह के नाम से संचालित हो रही थी।
छापामार टीम के मुताबिक हैरानी की बात यह है कि विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक वितरण के लिए आवंटित सरकारी गेहूं के कट्टे यहां मिले हैं, लिहाजा आशंका है कि सरकारी गेहूं इस फैक्ट्री में खपाया जा रहा था। इसमें दिल्ली उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सरकारी गेहूं के बोरे मिले हैं। यहां गुलाब और कान्हा नाम से पांच-पांच और 10-10 किलो के जूट-बैग पैकेट्स तैयार किए जा रहे थे। सरकारी PDS तंत्र से तार जुड़ने से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन से सरकारी अफसर हैं, जिनकी मिली भगत से गरीबों के हक का अनाज फैक्ट्री माफिया तक पहुंचाया जा रहा है?
फैक्ट्री में 50 क्विंटल से ज्यादा सड़ा और विषैला गेहूं और उससे निर्मित आटा मिला है। दरअसल प्रशासन को सूचना मिली थी कि बाराघाटा क्षेत्र में संचालित एक मसाला फैक्ट्री में तयशुदा मानकों के अनुरूप मसाले तैयार नहीं हो रहे हैं।
प्रशासन जब इस फैक्टरी पर कार्यवाही कर रहा था तभी कुछ लोगों ने इस आटा फैक्ट्री के बारे में अधिकारियों को सूचना दी। अधिकारियों ने मौके पर आकर फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की फ़िलहाल फैक्ट्री को सील कर दिया गया है और आटे का नमूना जांच के लिए भेजा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यदि यह विषाक्त गेहूं से निर्मित आटा आम व्यक्ति या बच्चे इस्तेमाल करते तो फूड प्वाइजनिंग की ज्यादा संभावना थी।