ग्वालियर, 21 फरवरी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा अगर किसान यूनियनें वास्तव में किसान हितैषी हैं तो प्रधानमंत्री और सरकार के खुले ऑफर को स्वीकार करें और बिंदुवार चर्चा करें। कानून वापस लेना एक प्रक्रिया है, भीड़ जुटाने और आंदोलनों से बने हुए कानून वापस नहीं होते। केंद्रीय मंत्री रविवार को अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान संवाद माध्यमों के सवालों के जवाब दे रहे थे।
सरकार संशोधन के लिए तैयार, बिंदुवार चर्चा करें किसान यूनियन
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर अपना पुराना बयान दोहराया है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ आंदोलन करने से कानून वापस नहीं हुआ करते। यदि वास्तव में किसान यूनियनों को कृषकों की चिंता है तो सरकार को बताएं कि इन कानूनों में क्या कमियां है, सरकार संशोधन के लिए तैयार है।
ग्वालियर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसान यूनियन से कई दौर की बातचीत कर चुकी है, लेकिन किसान सीधे तौर पर नए कृषि प्रावधानों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से कानून में कमियों को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। उनका यह भी कहना है कि किसान यूनियनों को बताना चाहिए कि इन प्रावधानों में किसानों का इससे नुकसान कहां पर है, तभी तो सुधार की कोशिश की जा सकेगी। सिर्फ आंदोलन करने से कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने साफ किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसानों को आश्वस्त कर चुके हैं कि एमएसपी बरकरार रहेगी।
गिरीश गौतम के विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर पार्टी एकजुट
विधानसभा अध्यक्ष के चयन को लेकर केदार शुक्ला के बयान पर किए गए सवाल के जवाब को नरेंद्र सिंह तोमर टालते नजर आए। पार्टी में विवाद की स्थिति को नकारते हुए उन्होंने कहा कि गिरीश गौतम पुराने नेता है। केदार शुक्ला भी पुराने नेता है, और इनमें मनमुटाव जैसी कोई भी बात नहीं है। पार्टी ने सोच समझ के उनका चयन किया है और इस फैसले पर पार्टी एकजुट है।